Aurangabad accident demanded action on DS(गणेश प्रसाद): औरंगाबाद के सबसे बड़े हॉस्पिटल सदर अस्पताल के बेहद जिम्मेवार उपाधीक्षक के पद पर बैठे पीड़ित मानवता का सेवक कहे जाने वाले मेडिकल ऑफिसर की संवेदनहीनता और बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। यह लापरवाही तब उजागर हुई, जब राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-16 जीटी रोड पर औरंगाबाद नगर थाना क्षेत्र में बाइपास ओवरब्रिज के पास रविवार को देर शाम करीब 8.30 बजे दो तेज रफ्तार बाइक आमने-सामने से टकरा गए।
दो बाइकों की टक्कर में तीन युवक घायल
घटना में दोनों बाइक पर सवार तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों के सिर में गंभीर चोटे आई। तीनों को आनन फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। तीनों घायलों में एक युवक एक पत्रकार का छोटा भाई निकला। पत्रकार को रोते हुए दौड़ते देख सांसद ने पूछा तो उन्हें हादसे की जानकारी हुई। हादसे की सूचना मिलते ही पत्रकार शुभम, छोटे भाई के बेहतर इलाज के लिए रोते हुए दौड़ पड़े। इसी बीच औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह किसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने आवास से निकले। आवास से थोड़ी दूरी पर उन्होने पत्रकार को रोते हुए दौड़ते देखा। यह देखकर सांसद ने अपनी गाड़ी, पत्रकार के पास रूकवा कर पत्रकार से जानकारी ली।
सांसद का कॉल नहीं हुआ पिक
जानकारी के बाद सांसद ने सदर अस्पताल के सबसे जिम्मेवार उपाधीक्षक के पद पर बैठे मेडिकल ऑफिसर को कॉल किया। कॉल पिक नहीं होने पर भी सांसद ने उपाधीक्षक डॉ. सुनील कुमार को बीसियों बार कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। आखिरकार सांसद ने दुर्गा पूजा की भीड़ को देखते हुए अपनी गाड़ी रमेश चौक के पास पार्क कराई। गाड़ी से उतरकर सांसद पैदल ही तेज चाल से सदर अस्पताल के लिए चल दिए। चलते-चलते ही सांसद ने सिविल सर्जन डॉ. रविभूषण श्रीकस्तव को कॉल किया। कॉल पिक होते ही सांसद ने उन्हे सारी बात बताते हुए तत्काल बेहतर प्राथमिक उपचार और हेड इंज्यूरी होने के कारण हायर सेंटर रेफर कराने का प्रबंध करने को कहा।
अस्पताल में उपचार के बाद कराया हायर सेंटर रेफर
सांसद के अस्पताल पहुंचने के पहले ही डॉ. उदय प्रकाश घायलों के उपचार में लग चुके थे। अस्पताल पहुंचते ही सांसद ने खुद के देख-रेख में तीनों घायल युवकों का प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद तीनों को हायर सेंटर रेफर कराया। साथ ही हायर सेंटर्स के प्रमुखों को खुद कॉल कर घायलों के पहुंचते ही बेहतर इलाज का निर्देश दिया और घायलों के परिजनों का अपना मोबाइल नंबर दिया। कहा कि कहीं किसी तरह की परेशानी होगी तो आधी रात में भी सीधा मुझे कॉल करेंगे।
सांसद का धैर्य टूटा
सभी घायलों को रेफर कराने के बाद सांसद का धैर्य जवाब दे गया। इसके बाद, उन्होंने अस्पताल के उपाधीक्षक से लेकर सिस्टम तक पर भड़ास निकाली। कहा कि जैसे राज्य सरकार का सारा सिस्टम फेल है, वैसे ही यहां सदर अस्पताल का भी सिस्टम फेल है। अस्पताल के उपाधीक्षक में मानवीय संवेदना नाम की कोई चीज नहीं है, वें बेहद लापरवाह है। बीसियों बार कॉल करने पर जब मेरा कॉल नही पिक करते है, तो आमजन के साथ उनका कैसा व्यहार होगा, इसे समझा जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि उपाधीक्षक को लेकर यह नई शिकायत नहीं है। इसके पहले भी उनकी कई तरह की शिकायत आई है।
डीएस पर कार्रवाई की मांग
शिकायतों के बावजूद उन्हें यहां इस पद पर क्यों काबिज रखा गया है, यह उनकी समझ से परे है। वें इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और राज्य सरकार के मुख्य सचिव से करेंगे। उनकी मांग है कि ऐसे लापरवाह और संवेदनहीन उपाधीक्षक को यहां से हटाया जाए। कहा कि तीनों घायलों में एक को गया के डॉ. अभय हॉस्पिटल, एक को रोहतास के जमुहार के निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और एक को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। तीनों जगहों के प्रमुखों को कॉल कर उन्होने घायलों के बेहतर इलाज का प्रबंध करा दिया है। तीनों घायलों में एक दधपा, एक बाकन और एक शहर के निवासी है, जो यहां के पत्रकार शुभम के छोटे भाई हैं।