अमिताभ ओझा/सौरव कुमार, पटना: बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह की आपराधिक पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब इस मामले में अब पटना पुलिस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी किया है। पटना पुलिस के अनुसार, बिहटा थाना कांड संख्या 858/14 में दो लोगों अनंत सिंह और बंटू सिंह को नामजद और 16 अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। जांच के दौरान कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहब के नाम का सत्यापन किया गया था, लेकिन उनकी संलिप्तता नहीं पाई गई थी।
जिसके बाद उनको इस कांड में अनुत प्रेषित दिखाते हुए 19/9/18 को अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था। इस बीच संज्ञान और विचारण के दौरान न्यायालय के द्वारा स्वयं कार्तिकेय सिंह के खिलाफ संज्ञान लिया गया और विचारण प्रारम्भ किया गया।
इस साल 19 जुलाई को कार्तिकेय सिंह को अनुमंडल न्यायिक दंडधिकारी दानापुर के कोर्ट में उपस्थित हाेने के लिए जमानतीय वारंट जारी किया गया था। ये वारंट मोकामा के थानाध्यक्ष को 31 जुलाई को मिला था। इसी क्रम में अप्राथमिकी अभियुक्त कार्तिकेय सिंह ने दानापुर के एडीजे 3 के कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।
जिसमें कोर्ट ने 12 अगस्त को अंतरिम आदेश पारित किया था। इसके तहत कार्तिकेय सिंह के खिलाफ गिरफ़्तारी एवं दंडात्मक कार्रवाई पर 1 सितम्बर 2022 तक रोक लगाते हुए No Coercive Action का आदेश पारित किया था, जिसकी अगली सुनवाई 1 सितम्बर को है।
लालू यादव से की मुलाकात
वहीं दूसरी ओर राज्य के कानून मंत्री मास्टर कार्तिकेय सिंह 10 सर्कुलर रोड पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे। उन्होंने यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। बताते चलें कि कानून मंत्री बनते ही मास्टर कार्तिकेय सिंह विवादों में घिर गए हैं। उनके ऊपर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। 16 अगस्त 2022 को कोर्ट ने कानून मंत्री के खिलाफ वारंट इश्यू किया है, जिसको लेकर बीजेपी कानून मंत्री पर पूरी तरह से हमलावर है। लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे मास्टर कार्तिकेय सिंह ने कहा मेरे ऊपर किसी भी तरह के कोई मामले नहीं हैं।