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IND vs AUS: जिम्मेदारी लेना कब सीखेंगे Rishabh Pant? नेचुरल गेम का मतलब विकेट फेंकना नहीं!

ऋषभ पंत मेलबर्न टेस्ट की दोनों ही पारियों में एक बार फिर अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में नाकाम रहे। पंत की बैटिंग अप्रोच की जमकर आलोचना हो रही है।

Edited By : Shubham Mishra | Updated: Dec 30, 2024 20:59
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Rishabh Pant

शुभम मिश्रा। Rishabh Pant IND vs AUS: ऋषभ पंत में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। पंत अकेले दम पर किसी भी मैच का रुख पलटने का दमखम भी रखते हैं। मगर कहते हैं कि अच्छा खिलाड़ी वही है, जो मैच की स्थिति के हिसाब से अपने गेम को तब्दील कर ले। बस यही चीज पंत इन दिनों नहीं कर पा रहे हैं। क्रीज पर आंखें जमाने के बावजूद भारतीय विकेटकीपर लगातार अपना विकेट फेंककर चलता बन रहा है।

साल 2020-21 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया की जीत के नायक रहे पंत इस बार खलनायक साबित हो रहे हैं। 22 गज की पिच पर पैर जमाने के बाद पंत हर बार ऐसा शॉट खेलकर आउट हो रहे हैं, जिसकी शायद कोई जरूरत ही नहीं है। सोशल मीडिया से लेकर पूर्व दिग्गज तक हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि पंत जिम्मेदारी के साथ खेलना कब सीखेंगे? अटैकिंग क्रिकेट खेलने के चक्कर में अपना विकेट थ्रो कर देना कहां की समझदारी है।

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कब जिम्मेदारी लेना सीखेंगे पंत?

पर्थ की पहली पारी में 37 रन। एडिलेड की फर्स्ट इनिंग में 21 और दूसरी में 28 रन। गाबा में 9 रन की पारी। मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में 28 और दूसरी इनिंग में 30 रन। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में पंत का यह अब तक खेले गए चार मैचों का स्कोर कार्ड है। इस स्कोर को जब आप देखेंगे तो यह चीज साफतौर पर दिखाई देती है कि पंत अपनी पारी का आगाज हर बार अच्छे अंदाज में कर रहे हैं। भारतीय विकेटकीपर को एक या दो पारियों को छोड़कर हर बार अच्छी शुरुआत मिली है, लेकिन हर बार पंत अपना विकेट फेंककर चलते बने हैं। पंत ऐसे समय पर टीम को मझधार में छोड़कर पवेलियन लौट रहे हैं, जहां से मैच की पूरी कहानी पलट जाती है। पंत का यूं विकेट तोहफे के तौर पर देकर जाना मानो उनकी आदत से बन गई है। इसी सीरीज में वह पांच बार अच्छी शुरुआत करने के बाद पवेलियन लौटे हैं।

मेलबर्न में भी डुबाई लुटिया

मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में ऋषभ पंत और जडेजा के बीच अच्छी साझेदारी पनप रही थी। पंत अच्छी लय में दिखाई दे रहे थे और 36 गेंदों पर 28 रन बना चुके थे। मगर तभी पंत ने अपने पिटारे से ऐसा शॉट निकाला शायद जिसकी कोई जरूरत ही नहीं थी। स्कूप शॉट खेलने की चाहत में पंत डीप थर्ड मैन पर आसान सा कैच दे बैठे। पंत इस बात को बड़े अच्छे से जानते थे कि उनके इसी शॉट के लिए दो फील्डर तैनात किए गए थे।

दूसरी पारी में पंत जब बल्लेबाजी करने उतरे तो टीम इंडिया 33 के स्कोर पर 3 विकेट गंवा चुकी थी। पंत क्रीज पर आए और उन्होंने यशस्वी के साथ मिलकर पारी को संभाल लिया। दोनों के बीच 88 रन की साझेदारी हुई और टीम इंडिया मैच में वापस आने लगी। मगर फिर पंत ने फिर वही गलती दोहराई। पंत की खातिर पैट कमिंस ने ट्रेविस हेड के हाथों में गेंद सौंपकर उन्हें लालच दी और वह इस लालच में फंस गए। 104 गेंदें खेलने के बावजूद पंत ऐसा शॉट खेलकर आउट हुए, जिसके देखकर लगा ही नहीं कि वह क्रीज पर सेट थे।

नेचुरल गेम का मतलब विकेट गंवाना नहीं

अगर टीम इंडिया को अब सिडनी में लाज बचानी है, तो पंत को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। नेचुरल गेम का हवाला देकर विकेट फेंककर जाने से काम नहीं चलेगा। पंत टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर हैं और इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन मैच को जिताने के लिए पंत को क्रीज पर समय बिताने का हुनर और धैर्य जरूर सीखना होगा।

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Edited By

Shubham Mishra

First published on: Dec 30, 2024 08:59 PM

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