IPL 2024 DC vs RR: राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज संजू सैमसन के विकेट को लेकर खूब ड्रामा हुआ। अरुण जेटली स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए मुकाबले में रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन विवादित तरीके से आउट हुए। उन्हें 16वें ओवर में शाई होप ने बाउंड्री रोप के पास कैच पकड़कर आउट किया। शाई के इसी कैच पर जमकर बवाल हुआ। इसके बाद संजू सैमसन मैदानी अंपायर से चर्चा करते नजर आए। उन्होंने डीआरएस की भी मांग की, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया। आइए जानते हैं कि डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के लिए नियम क्या कहता है।
थर्ड अंपायर का निर्णय फाइनल
नियम के तहत मैदानी अंपायर अपने विवेक से थर्ड अंपायर से सलाह लेकर निर्णय दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कैच के बारे में ऑन फील्ड और थर्ड अंपायर निर्णय ले सकते हैं, लेकिन एक बार डिसीजन देने के बाद इस पर दोबारा रिव्यू नहीं लिया जा सकता। बता दें कि कैच को लेकर सॉफ्ट सिग्नल नियम खत्म कर दिया गया है। अब कैच के मामले में थर्ड अंपायर का निर्णय ही फाइनल होता है। यानी थर्ड अंपायर ही ये तय करता है कि कैच हुआ या नहीं।
वाइड और नो-बॉल के लिए प्रावधान
हालांकि इस बार आईपीएल और डब्ल्यूपीएल में सिर्फ नो बॉल और वाइड बॉल के कॉल पर डीआरएस लेने का प्रावधान रखा गया है। कैच के मामले में थर्ड अंपायर के रिव्यू और निर्णय के बाद दोबारा रिव्यू नहीं लिया जा सकता। इसलिए मैदानी अंपायर ने संजू सैमसन को डीआरएस नहीं दिया।
फैंस बोले- जल्दी लिया गया फैसला
हालांकि फैंस का कहना है कि संजू सैमसन को रिव्यू दिया जाना चाहिए था। अगर रिव्यू नहीं था तो कम से उसे बार-बार चेक किया जाता। संजू के विकेट के बारे में फैसला महज एक मिनट में ले लिया गया। जबकि वाइड बॉल के रिव्यू को कम से कम 3 से 5 मिनट तक चेक किया गया।
ये भी पढ़ें: DC vs RR: अंपायरिंग पर फूटा फैंस का गुस्सा, एक मैच में दो बार उठे सवाल