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क्यों नीला रंग प्रकृति में सबसे कम पाया जाता है? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Blue Color: आसमान और समुद्र नीले क्यों दिखते हैं? यह सवाल तो हम सभी ने कभी न कभी पूछा ही होगा। पेड़-पौधे, जानवर और पत्थर रंग-बिरंगे होते हैं, लेकिन नीला रंग इनमें कम ही दिखता है। आखिर क्यों? आइए जानते हैं...

peacock
Blue Color: नीला रंग, जो हमें आसमान और समंदर में हर तरफ दिखाई देता है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह रंग पेड़ों, जानवरों और पत्थरों में क्यों नहीं मिलता? क्या यह कोई रहस्य है? जब आप प्रकृति के अन्य हिस्सों को देखते हैं तो हरे, भूरे और लाल रंग आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन नीला नहीं? ऐसा क्यों है कि यह रंग प्रकृति में बहुत कम है? क्या नीले रंग के पीछे कोई गहरा राज छिपा है? आइए इस दिलचस्प रहस्य को समझें और जानें कि आखिर क्यों नीला रंग प्राकृतिक दुनिया में इतना दुर्लभ और खास है।

प्रकृति के लिए नीले रंग को बनाना क्यों मुश्किल

प्रकृति में ज्यादातर रंग पिगमेंट से बनते हैं, यानी पदार्थों में मौजूद प्राकृतिक रसायनों से। लेकिन नीला रंग बनाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि बहुत कम जीव या पौधे ऐसे पिगमेंट बना पाते हैं। यही वजह है कि हमें नीला रंग पेड़ों, फूलों या जानवरों में बहुत कम दिखाई देता है। कई बार नीला रंग असली पिगमेंट से नहीं बनता, बल्कि रिफ्लेक्शन या प्रकाश के बिखराव से दिखाई देता है, जैसे आसमान का नीला रंग।

जानवरों में नीला रंग कैसे दिखता है

कुछ जानवर जैसे नीली तितली और कुछ पक्षियों का नीला रंग असली नहीं होता। ये रंग उनके पंखों या शरीर में बनी खास संरचनाओं से बनता है, जो नीले रंग को हमारी आंखों तक पहुंचाता है।

नीले फूल क्यों होते हैं कम

दुनिया में 10% से भी कम फूल नीले होते हैं। नीला रंग बनाने के लिए पौधों को खास तरह के कॉम्प्लेक्स एलिमेंट चाहिए होता हैं, जो आसानी से नहीं मिलते। इसीलिए नीले फूल, जैसे कॉर्नफ्लावर, बनाना बहुत मुश्किल होता है।

नीले पत्थरों का रहस्य

नीले पत्थर, जैसे लैपिस लाजुली का रंग पिगमेंट से नहीं बनता, बल्कि उनकी क्रिस्टल संरचना से बनता है। जिसकी वजह से ये क्रिस्टल नीला रंग रिफ्लेक्ट करता है, इसलिए ये पत्थर दुर्लभ और कीमती माने जाते हैं।

जानवरों में नीला रंग क्यों नहीं होता

कुछ जानवरों की त्वचा, जैसे व्हेल और मैंड्रिल बंदर नीले होते है, लेकिन किसी भी जानवर का फर (बाल) असली नीला नहीं होता। अगर कोई जानवर नीला दिखता है, तो वो प्रकाश के रिफ्लेक्शन से होता है, पिगमेंट से नहीं।

पक्षी नीला रंग ज्यादा अच्छे से देखते हैं

इंसान नीला रंग देखता है, लेकिन पक्षी उससे भी ज्यादा रंग देखते हैं। उनके पास एक फॉर्त लाइट रिसेप्टर होता है, जिससे वो पराबैंगनी (UV) रंग देख सकते हैं। जो हमें नीला दिखता है, वो पक्षियों को और भी ज्यादा चमकता हुआ दिखता है। ये भी पढ़ें: दुनिया का इकलौता ऐसा स्थान, जहां मिलती हैं पांच नदियां


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