Trendingind vs saIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024Kartik Purnima

---विज्ञापन---

‘सिल्क रोड डिसीज’ ऐसी बीमारी जो व्यक्ति को कर देती है लाचार

डॉ. आशीष कुमार। ‘सिल्क रोड डिसीज’ (Silk Road Disease) एक रेअर डिसीज (Rare Disease) है। शायद आप भी इसका नाम पहली बार पढ़ रहे होंगे। इस बीमारी का नाम जितना रोचक है, यह बीमारी उतनी ही खतरनाक है। सिल्क रोड डिसीज को ‘बेसेट्स डिसीज’ (Bechet’s disease) भी कहा जाता है। यह इम्यून सिस्टम की बीमारी […]

Image credits: commons.wikimedia.org
डॉ. आशीष कुमार। ‘सिल्क रोड डिसीज’ (Silk Road Disease) एक रेअर डिसीज (Rare Disease) है। शायद आप भी इसका नाम पहली बार पढ़ रहे होंगे। इस बीमारी का नाम जितना रोचक है, यह बीमारी उतनी ही खतरनाक है। सिल्क रोड डिसीज को ‘बेसेट्स डिसीज’ (Bechet’s disease) भी कहा जाता है। यह इम्यून सिस्टम की बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जीवनभर दर्दों को सहना पड़ता है। मेडिकल साइंस की मौजूदा उन्नति के बावजूद इस बीमारी के सटीक कारणों और इलाज का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

चली जाती है आंखों की रोशनी

बेसेट्स डिसीज में पूरा शरीर प्रभावित रहता है। इस बीमारी के प्रति कम जागरूक होने के कारण इसे डायग्नोस करने में समय लग जाता है। यह बीमारी आंख, नस, दिल, दिमाग, नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र सभी को प्रभावित करती है। सही समय पर पता न लगने पर ‘यूविआइटिस’ (Uveitis) के कारण आंखों की रोशनी चली जाती है। दिल और दिमाग में सूजन आ जाने के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है। नर्वस सिस्टम प्रभावित होने के कारण पूरा व्यक्तित्व प्रभावित हो जाता है। बेसेट डिसीज में मुंह और जननांगों में बेहद दर्द देने वाले छाले हो जाते हैं। व्यक्ति ‘रयूमेटिक अर्थराइटिस’ (rheumatic Arthritis) से पीड़ित हो जाता है। व्यक्ति हर समय गहरी थकान महसूस करता रहता है। आंकड़ों के मुताबिक इससे पीड़ित 10 में से 2 व्यक्तियों को बीमारी से जुड़ी विभिन्न जटिलताओं के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है। यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों का दावा; खून की एक जांच से पता चल जाएगा कैंसर

एशिया में सबसे अधिक बेसेट के मरीज

यह माना जाता था कि यह बीमारी व्यापार के प्राचीन मार्ग ‘सिल्क रोड’ के आस पास रहने वाले लोगों को अधिक होती है। सिल्क रोड पर व्यापार करने वाले लोगों में इस बीमारी के लक्षण दिखायी देते थे। बेसेट से संबंधित केस मध्य एशिया में अधिक पाए जाते हैं। भूमध्य सागर के दोनों ओर के देशों में भी इस बीमारी का अनुपात अधिक पाया जाता है। हालांकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन में एक लाख लोगों पर एक व्यक्ति बेसेट से पीड़ित है। तुर्की में प्रति एक हजार व्यक्तियों पर 2 व्यक्ति इससे पीड़ित हैं। अमेरिका में 15 से 20 हजार व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित हैं।

भारत के पास कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं

भारत में भी इस रेअर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति हैं। भारत के पास इससे संबंधित कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से ‘नेशनल पॉलिसी फॅार रेअर डिसीज 2021’ के नाम से जारी सूची में भी इस बीमारी को सम्मिलित नहीं किया गया है। देश में इस बीमारी के प्रति कम जागरूकता होने के कारण पीड़ित व्यक्ति को देरी से पता चल पाता है। इस बीमारी के देरी से डायग्नोस होने के कारण व्यक्तियों को गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि एम्स की तरफ से इससे संबंधित शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। यह भी पढ़ें: दर्द क्यों होता है, कहां से आता है? यहां जानें वैज्ञानिक पहलू

तुर्की के हुलुसी बेसेट ने किया था अध्ययन

इस बीमारी का सबसे पहले वैज्ञानिक अध्ययन तुर्की के वैज्ञानिक हुलुसी बेसेट (Hulusi Bechet) ने किया था, इसलिए इस बीमारी को बेसेट डिसीज कहा जाने लगा।

बेसेट का कारण

बेसेट बीमारी के होने का ठोस कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। अध्ययन के आधार पर अनुमान लगाए गए हैं कि किसी वायरस, बैक्ट्रिया या बाहरी कारण से शरीर के जेनेटिक पदार्थ या प्रोटीन संरचना में आए बदलाव के कारण यह बीमारी होती है। यह ऑटो इम्यून से संबंधित बीमारी है। कुछ अध्ययनों से जेनेटिक संबंध भी सामने आए हैं लेकिन स्पष्ट निष्कर्ष स्थापित नहीं हो पाया है। इस बीमारी में एचएलए बी51 जीन का लिकेंज भी मिला है।

बेसेट का इलाज

मौजूदा मेडिकल साइंस के पास इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। केवल लक्षणों के आधार पर बचाव दवाएं दी जाती हैं। इस बीमारी में इम्यूनों सपरेसर व स्टीरॉयड( steroid) चलाए जाते हैं। यही स्टीरॉयड मरीज को और अधिक लाचार करते चले जाते हैं। (लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं) साइंस की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.