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वैज्ञानिकों का दावा; खून की एक जांच से पता चल जाएगा कैंसर

डॉ. आशीष कुमार। कैंसर (Cancer) ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही व्यक्ति की रूह कांप जाती है। इस बीमारी के साथ सबसे बड़ी दुविधा यह है कि इसका पता देरी से चलता है, जब तक कैंसर की कोशिकाएं शरीर में फैल चुकी होती हैं। दुनिया में लाखों लोग कैंसर से पीड़ित हैं। साथ ही, […]

डॉ. आशीष कुमार। कैंसर (Cancer) ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही व्यक्ति की रूह कांप जाती है। इस बीमारी के साथ सबसे बड़ी दुविधा यह है कि इसका पता देरी से चलता है, जब तक कैंसर की कोशिकाएं शरीर में फैल चुकी होती हैं। दुनिया में लाखों लोग कैंसर से पीड़ित हैं। साथ ही, इस बीमारी के मामले में आधुनिक जीवनशैली (Modern Lifestyle) के साथ आनुपातिक रूप से बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिक और डॉक्टर डायग्नोसिस और चिकित्सा की नई विधियों पर काम कर रहे हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और नेशनल हेल्थ सर्विस ने अनुसंधान के बाद दावा किया है कि खून की जांच से ही कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता चला जाएगा। वैज्ञानिकों ने यह दावा छह हजार से अधिक लोगों के खून परीक्षण के बाद किया है। इस टेस्ट का नाम ‘गैलरी’ दिया है। गैलरी टेस्ट (Galleri Test) से पचास से अधिक प्रकार के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। यह भी पढ़ें: Science News: अब केवल हाथ में लेने से ही चार्ज हो जाएंगे आपके स्मार्टफोन और लैपटॉप

दवाओं के जरिए ठीक हो सकता है कैंसर

इस अनुसंधान से जुड़े हुए वैंज्ञानिकों ने दावा किया है कि खून की जांच से कैंसर का पता करने में सटीकता 75 फीसदी है। छह हजार से अधिक लोगों के खून के सैंपल लेकर प्रारंभिक जांच में 323 लोगों में कैंसर की संभावना व्यक्त की थी। जब 323 लोगों का गहन परीक्षण किया गया तो 244 लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई। दुनियाभर में कैंसर के शोध-अनुसंधान के जुड़े वैज्ञानिक और डॉक्टर इस खोज में आशापूर्ण संभावना तलाश रहे हैं। वैज्ञानिकों को मानना है कि यदि कैंसर का प्रांरभिक चरणों में पता चल जाएगा तो उसे दवाओं के जरिए ही ठीक करने की संभावना बढ़ जाएगी।

गैलरी टेस्ट: एक क्रांतिकारी खोज

नेशनल हेल्थ सर्विस के कैंसर विभाग के निदेशक प्रोफेसर पीटर जॉनसन ने बयान जारी किया है कि इस खोज से कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक उम्मीद जगी है। अभी यह अनुसंधान प्रारंभिक दौर में है। अभी और एक्सपेरिमेंट किए जाएंगे। हालांकि अभी तक परिणाम अच्छे आए हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में गैलरी टेस्ट पूरी दुनिया में संभव हो पाएगा। खून के जरिए कैंसर का पता करने में यदि सटीकता 100 फीसदी हासिल हो जाती है तो यह एक क्रांतिकारी खोज होगी। पूरी दुनिया में कैंसर से पीड़ित लाखों लोगों को बचाया जा सकेगा। यह भी पढ़ें: मिल गया पृथ्वी का दूसरा चंद्रमा, पिछले 1900 वर्षों से लगा रहा है धरती का चक्कर इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में पांच में से एक पुरुष और छह में से एक महिला को कैंसर के लक्षण हैं। कैंसर के कारण करीब 10 में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। भारत में भी कैंसर एक बड़ी समस्या है। इंडियन कैंसर सोसाइटी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर साल लगभग 50 हजार बच्चे कैंसर से पीड़ित हो जाते हैं। विश्व में यह संख्या तीन लाख से अधिक है।

गैलेरी टेस्ट क्या है? (What is Gallery Test?)

गैलेरी एक मल्टी-कैंसर अर्ली डिटेक्शन (एमसीईडी) टेस्ट है, जो एक साधारण ब्लड ड्रा के माध्यम से 50 से अधिक प्रकार के कैंसर में साझा किए गए सिग्नल की तलाश करता है। इनमें से कई कैंसर की आमतौर पर आज जांच नहीं की जाती है और अन्यथा लक्षणों के प्रकट होने से पहले किसी का ध्यान नहीं जा सकता है।

कौन करवा सकता है गैलेरी टेस्ट? (Who can get the gallery test done?)

  • गैलेरी परीक्षण की सिफारिश उन वयस्कों के लिए की जाती है, जिनमें कैंसर का जोखिम अधिक होता है, जैसे कि 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग।
  • केवल आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ही यह निर्धारित कर सकता है कि गैलेरी आपके लिए सही है या नहीं।
  • गैलेरी का उपयोग उन व्यक्तियों में करने की अनुशंसा नहीं की जाती है, जो गर्भवती हैं, 21 वर्ष या उससे कम उम्र के हैं, या सक्रिय कैंसर उपचार से गुजर रहे हैं।
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