प्रक्षेपण के लिए तैयार आदित्य एल-1
देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर ताजा अपडेट यही मिल रहा है कि इसके प्रक्षेपण की पूरी तैयारी कर ली गई है। इस कड़ी में यूआर राव उपग्रह केंद्र में बनाया गया सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए दो सप्ताह पहले ही श्रीहरिकोटा के इसरो अंतरिक्ष केंद्र में पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि इसकी लॉन्चिंग के बाद भारत दुनिया में एक और शानदार उपलब्धि हासिल कर लेगा।वरदान साबित होगा एल-1
आदित्य एल-1 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की मानें तो ISRO का यह मिशन सूर्य से संबंधी जानकारियां तो देगा ही, साथ ही अंतरिक्ष में विचरण करते कृत्रिम उपग्रहों की सुरक्षा के लिए आने वाले समय में वरदान भी साबित होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की सतह पर बनने वाले सौर धब्बों (Sun Spot) और सौर ज्वाला (Solar Flair) के अलावा सौर तूफान समेत कई गतिविधियां हो रही हैं, जिनकी निगरानी भी होनी चाहिए। इसके लिए आदित्य एल-1 मिशन बहुत ही अच्छा साबित होने वाला है। इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि आदित्य एल -1 मिशन के जरिये अंतरिक्ष में मौसम की गतिशीलता को जानना आसान होगा। इसके अलावा, सूर्य के तापमान और सौर तूफान के साथ उत्सर्जन एवं पराबैगनी किरणों के धरती पर पड़ने वाले अध्ययन को आगे बढ़ाया जा सकेगा। इतना ही नहीं, ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करना थोड़ा आसान होगा।पराबैंगनी किरणों का भी होगा अध्ययन
सूर्य से काफी मात्रा में पराबैंगनी किरणें निकलती हैं जो त्वचा के अलावा मनुष्यों को अन्य तरीके से भी नुकसान पहुंचाती हैं। एल-1 के अंतर्गत टेलीस्कोप (एसयूआईटी) से 2000-4000 एंगस्ट्रॉम के तरंग दैर्ध्य की पराबैंगनी किरणों का अध्ययन करने की तैयारी है। यह भी सच है कि अब से पहले पराबैंगनी किरणों का पहले अध्ययन नहीं किया गया है, खासतौर से यह व्यापक स्तर पर होगा।---विज्ञापन---