अब न के बराबर आएगा लाइट का बिल, GPT-4 के जरिए कर पाएंगे बिल्डिंग एनर्जी मैनेजमेंट
ChatGPT को लेकर दुनिया में क्रेज लगातार बढ़ता ही जा रही है। न केवल कंटेंट क्रिएशन वरन जीवन के अन्य सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसका प्रयोग हो रहा है। अब चीन और नीदरलैंड के शोधकर्ताओं की एक टीम ने बिल्डिंग एनर्जी मैनेजमेंट के लिए डेटा को ऑटोमेट करने के लिए GPT-4 का उपयोग करके एक इनोवेटिव सोल्यूशन डेवलप किया है। इसके लिए उन्होंने OpenAI के जनरेटिव लार्ज लैंग्वेज मॉडल जीपीटी-4 का प्रयोग किया है।
जीपीटी-4 ने पहले कोडिंग, राइटिंग और इमेज जनरेशन जैसे अलग-अलग रियल-वर्ल्ड सिनेरियो में उल्लेखनीय ह्यूमन-लेवल परफॉर्मेंस का प्रदर्शन किया है। हालांकि अभी भी इंसानी बुद्धिमता से तुलना करते हुए इसकी पूरी क्षमताओं को परखना बाकी है।
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कठिन श्रमसाध्य कार्यों के लिए बेहतर है GPT-4
नीदरलैंड में आइंडहोवन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और चीन में झेजियांग यूनिवर्सिटी की टीम ने सीमित यूजर जानकारी प्रदान किए जाने पर भी, बिल्डिंग ऊर्जा भार का सटीक आकलन लगाने वाले कोड उत्पन्न करने के लिए GPT-4 की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
इसके अलावा, जीपीटी-4 ने बिल्डिंग ऑपरेशन डेटा का विश्लेषण करके डिवाइस की खराबी की पहचान करने और सिस्टम ऑपरेशन्स में असामान्य पैटर्न का पता लगाने की क्षमता प्रदर्शित की। रियल-वर्ल्ड बिल्डिंग्स में लागू GPT-4 द्वारा उत्पन्न कोड ऊर्जा भार भविष्यवाणी में उच्च स्तर की सटीकता प्रदर्शित करते हैं।
आपको बता दें कि पूरे विश्व में बिल्डिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग किया जाता है जो कुल ऊर्जा की लभग 33 फीसदी है। यदि डेटा माइनिंग टेक्नोलॉजी का सही तरह से प्रयोग किया जाए तो हम करीब 15 से 30 फीसदी तक बिजली बचा सकते हैं। हालांकि यह एक बहुत ही श्रमसाध्य कार्य है। आइंडहॉवन के निर्मित पर्यावरण विभाग के पोस्ट-डॉक्टोरल शोधकर्ता चाओबो झांग ने कहा, कोडिंग और डेटा विश्लेषण कार्यों का ऑटोमेशन करते हुए GPT-4 इस काम में आने वाली समस्याओं को प्रभावी ढंग से सुलझा सकता है।
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