Revolutionary Brain Tumor Treatment Keyhole Surgery: मेडिकल साइंस लगातार तरक्की कर रहा है। आए दिन हमें नए-नए विकल्प मिलते रहते हैं, जो बेहतर तरीके से लोगों का इलाज करने में मदद करते हैं। इसी सिलसिले में यूके के डॉक्टर्स ने ब्रेन ट्यूमर को रिमूव करने का नया तरीका निकाल लिया है। यूके में डॉक्टरों ने पहली बार कीहोल सर्जरी से एक मरीज की आंख के जरिए ब्रेन ट्यूमर रिमूव करने में सफलता हासिल की है। यह अनोखी और मॉडर्न प्रक्रिया लीड्स टीचिंग हॉस्पिटल NHS ट्रस्ट के सर्जनों ने की, जो सिर्फ तीन घंटे में पूरी हुई। आइए इसके बारे में जानते हैं।
पहली बार की गई ऐसी सर्जरी
बता दें कि यह सर्जरी मेडिकल वर्ल्ड में एक बड़ा कदम है, क्योंकि इस तकनीक से उन जगहों के ट्यूमर का इलाज है, जिन्हें पहले असंभव या बेहद जोखिमभरा माना जाता था। जिस मरीज पर ये ऑपरेशन किया गया उसका नाम रुविम्बो कविया है और उनकी उम्र 40 साल है।
कविया यूके की पहली ऐसी मरीज बनीं, जिन पर यह सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने उनके ब्रेन के कैवर्नस साइनस से ट्यूमर को हटाया, जो ब्रेन के पीछे की ओर था। पहले, इस तरह के ट्यूमर का इलाज करना बेहद मुश्किल था। अक्सर इस स्थिति में खोपड़ी के हिस्से को हटाने जैसी जटिल और जोखिमभरी सर्जरी की जाती थी, जिससे मरीज को दौरे या दूसरी गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता था।
डॉक्टर्स ने की थी पूरी तैयारी
ऑपरेशन से पहले, मेडिकल टीम ने कविया के सिर के 3D मॉडल का उपयोग करके इसकी प्रैक्टिस की। इसके अलावा, कैडेवर लैब में कई बार इस प्रोसेस को दोहराकर और बेहतर करने की कोशिश की। इस तैयारी ने ऑपरेशन को पूरी तरह सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
2023 में कविया को मेनिंजियोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का पता चला। इसके चलते उन्हें गंभीर सिरदर्द की समस्या होने लगी। अक्टूबर 2023 में एक दूसरा ट्यूमर भी पाया गया। एक्सपर्ट से लंबी चर्चा और स्पेन में सलाह लेने के बाद उन्हें कीहोल सर्जरी का सुझाव दिया गया।
हालांकि परिवार को शुरू में इस सर्जरी को लेकर संदेह था, लेकिन कविया ने इसे अपनी जिंदगी के लिए जरूरी मानते हुए सर्जरी करवाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि यह करना मेरे लिए जरूरी था। या तो मैं इसे कराऊं, या यह ट्यूमर बढ़ता रहे और शायद मेरी जान ले ले।
जल्दी रिकवरी और कम साइड इफेक्ट्स
सर्जरी के बाद, कविया कुछ ही दिनों में अस्पताल से अपने घर लौट आईं। इसके दौरान उनके चेहरे पर केवल एक छोटा सा निशान आया और उन्हें लगभग तीन महीने तक पार्शियली डबल विजन की समस्या हुई। इसके अलावा, कोई अन्य साइड इफेक्ट नहीं हुआ। इस सर्जरी की सफलता ने चिकित्सा जगत में नए द्वार खोले हैं। यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए एक उम्मीद बनकर आई है, जो अब तक जटिल ब्रेन ट्यूमर का इलाज न होने के कारण परेशान थे।
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