---विज्ञापन---

साइंस

सिर्फ 14 दिनों तक काम करेंगे विक्रम और प्रज्ञान, जानें, उसके बाद क्या होगा

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर Chandrayaan 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग करवा कर ISRO ने नया इतिहास रच दिया है। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रज्ञान रोवर ने लैंडर से बाहर निकल कर चांद पर 8 मीटर की दूरी भी तय कर ली है। इस दौरान रोवर में लगे पेलोड्स को एक्टिव कर डेटा […]

Author Published By : Sunil Sharma Updated: Aug 26, 2023 12:55
ISRO, Chandrayaan 3, Space News, Space News Hindi,

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर Chandrayaan 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग करवा कर ISRO ने नया इतिहास रच दिया है। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रज्ञान रोवर ने लैंडर से बाहर निकल कर चांद पर 8 मीटर की दूरी भी तय कर ली है। इस दौरान रोवर में लगे पेलोड्स को एक्टिव कर डेटा एकत्रित करने का काम शुरु कर दिया गया है। साथ ही रोवर के सोलर पैनल भी खुल गए हैं जो चंद्रमा पर आ रही सूर्य की रोशनी से 50 वॉट की पावर जनरेट कर कर लैंडर और रोवर को जरूरी ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं।

14 दिनों तक एक्टिव रहेगा प्रज्ञान

इसरो वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार Chandrayaan 3 के रोवर में लगे LIBS (लेजर इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप) और APXS (अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर) ने भी एक्टिव होकर अपना काम शुरु कर दिया है। रोवर द्वारा एकत्रित किया जा रहा डेटा चांद पर मौजूद लैंडर को भेजा जा रहा है जो इस डेटा को ऑर्बिटर के जरिए धरती पर बैठे वैज्ञानिकों तक भेज रहा है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: ISRO ने जारी किया प्रज्ञान रोवर का वीडियो, इस तरह लैंडर से बाहर निकल कर चंद्रमा की सतह पर चला

चंद्रयान मिशन को कुल 14 दिनों के लिए डिजाईन किया गया था। इस दौरान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दिन रहेगा और रोवर पर लगे सोलर पैनल्स यान के लिए जरूरी इलेक्ट्रिसिटी बनाते रहेंगे। दिन रहने तक रोवर में मौजूद सभी पेलोड्स और सेंसर जरूरी डेटा कलेक्ट कर वैज्ञानिकों तक भेजते रहेंगे।

---विज्ञापन---

क्या होगा 14 दिन बाद चंद्रयान मिशन का

वास्तव में इस मिशन को महज 14 दिनों के लिए ही इस प्रकार बनाया गया था कि यान वहां पर दिन की शुरूआत में उतरें। 14 दिन बाद वहां पर रात हो जाएगी। इस दौरान सोलर पैनल निष्क्रिय हो जाएंगे और प्रज्ञान रोवर काम करना बंद कर देगा। फिलहाल वैज्ञानिकों का ध्यान इस बात पर है कि जब चंद्रमा पर रात के बाद एक बार फिर से दिन निकलें तो ये सोलर पैनर फिर से काम शुरु कर सकें और लैंडर तथा रोवर को एक्टिव होने के लिए जरूरी ऊर्जा दे सकें।

यह भी पढ़ें: 2 सितंबर को सूर्य की यात्रा पर निकलेगा Aditya-L1, ऐसा करने वाला अमरीका के बाद दूसरा देश होगा भारत

यदि ऐसा हो पाता है तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। ऐसा होने पर इसरो इनके जरिए और ज्यादा डेटा एकत्रित कर पाएगा। यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाता है तो इस मिशन को समाप्त कर दिया जाएगा तथा वैज्ञानिक अपना पूरा ध्यान अपने नए मिशन आदित्य एल 1 पर फोकर करेंगे।

 

First published on: Aug 26, 2023 12:48 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.