वट सावित्री के व्रत से सुहागिन महिलाओं की खास आस्था जुड़ी है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और वट पेड़ (बरगद) की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ती हैं और पति की लंबी आयु का वरदान मिलता है। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक, हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है।
इस बार 26 मई 2025, दिन सोमवार को वट सावित्री अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। जबकि 10 जून 2025, वार मंगलवार को वट सावित्री पूर्णिमा का उपवास रखा जाएगा। चलिए जानते हैं वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले प्रभावशाली उपायों के बारे में।
वट सावित्री व्रत से जुड़े उपाय
- वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा के साथ-साथ शिव जी और मां पार्वती की भी पूजा करें। देवी-देवताओं को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। पूजा के बाद पेड़ के पास 11 घी के दीपक जलाएं और अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए प्रार्थना करें। इससे आपको देवी-देवताओं का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा और घर में खुशहाली बनी रहेगी।
- सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही उन्हें 11 पीली कौड़ियां अर्पित करें। इससे आपको अपनी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और घर में चल रहे क्लेश कम होंगे।
- यदि आपका अपने साथी के साथ रिश्ता अच्छा नहीं है तो वट सावित्री व्रत के दिन पति-पत्नी साथ में वट वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें और अपने हाथ से घी का दीपक जलाएं। इससे आपके रिश्ते की उम्र बढ़ेगी और घर में खुशियों का आगमन हो सकता है।
वट सावित्री व्रत की पूजा के मुहूर्त
- सूर्योदय- प्रात: काल 5 बजकर 45 मिनट पर
- अमृत काल- प्रात: काल में 03 बजकर 24 मिनट से लेकर 04 बजकर 49 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04 बजकर 09 मिनट से लेकर 04 बजकर 57 मिनट तक
- राहुकाल- सुबह में 07 बजकर 25 मिनट से लेकर 09 बजकर 04 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक
ये भी पढ़ें- Numerology: परिवार की विरासत को आगे लेकर जाते हैं इन तारीखों पर जन्मे लोग, नहीं मानते आसानी से हार
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।