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Masik Shivratri 2025: 26 या 27 अप्रैल, वैशाख माह की शिवरात्रि कब? जानें तिथि और शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। हालांकि इस बार चतुर्दशी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2025 में 26 अप्रैल या 27 अप्रैल, किस दिन वैशाख माह की शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Apr 20, 2025 16:33
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हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख चल रहा है। इस साल 14 अप्रैल से वैशाख माह का आरंभ हुआ है, जिसका समापन 13 मई 2025 को होगा। धार्मिक दृष्टि से ये महीना बेहद शुभ है। इस दौरान आने वाले व्रत और त्योहार के दिन पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, प्रत्येक महीने यानी माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।

मान्यता है कि प्राचीन काल में चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसलिए हर माह आने वाली चतुर्दशी पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जबकि साल में एक बार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस साल अप्रैल माह में किस दिन मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही आपको वैशाख माह की शिवरात्रि की पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में पता चलेगा।

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अप्रैल में कब है मासिक शिवरात्रि?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 अप्रैल 2025, दिन शनिवार को सुबह 08:27 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 27 अप्रैल 2025, वार रविवार को प्रात: काल 04:49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस बार 26 अप्रैल 2025 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।

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शिव जी की पूजा के शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- प्रात: काल 05:45
  • अमृत काल- प्रात: काल में 01:31 से लेकर 02:56 मिनट तक
  • ब्रह्म मुहूर्त – प्रात: काल में 04:24 से लेकर 05:12 मिनट तक
  • गुलिक काल- प्रात: काल 05:45 से लेकर सुबह 07:23 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से लेकर दोपहर 12:45 मिनट तक
  • राहुकाल- सुबह में 09:02 से लेकर 10:40 मिनट तक

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

  • व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • नहाने की बाल्टी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • स्नान करने के बाद हरे रंग के शुद्ध कपड़े धारण करें।
  • घर के मंदिर की गंगाजल से सफाई करें।
  • मंदिर में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर शिव जी की मूर्ति या शिवलिंग की स्थापना करें।
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
  • शिव की मूर्ति या शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
  • महादेव को पंचामृत, गंगाजल, अक्षत, बेल पत्र, भांग, धतूरा, फल, फूल और गाय का कच्चा दूध अर्पित करें। इस दौरान शिव मंत्रों का जाप करें।
  • मासिक शिवरात्रि व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
  • घी का दीपक जलाएं।
  • अपनी गलतियों के लिए माफी मांगे।
  • शिव जी की आरती उतारें।
  • व्रत का पारण करने से पहले गरीबों को दान जरूर दें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Apr 20, 2025 04:33 PM

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