---विज्ञापन---

Religion

Kurma Jayanti 2025: ऊर्जा के असंतुलन और वास्तु दोष से मुक्ति के लिए कूर्म जयंती पर करें ये 9 काम

Kurma Jayanti 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने कूर्म या कच्छप अवतार लिया था, जो कूर्म जयंती के रूप मनाई जाती है। इस बार यह दिन इस बार 12 मई पड़ रही है। इस दिन को वास्तु संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उत्तम माना गया है।

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 11, 2025 18:13
home-vastu-tips-kurma-jayanti-2025

Kurma Jayanti 2025: भगवान विष्णु के 10 प्रसिद्ध अवतारों में कूर्म या कच्छप दूसरा अवतार है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने यह अवतार वैशाख पूर्णिमा के दिन लिया था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब देव-दानवों के सम्मिलित सहयोग से अमृत सहित 14 रत्न की प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन शुरू हुआ, तो मंदरांचल पर्वत डूबने लगा। तब भगवान विष्णु ने सहायता की और मंदरांचल पर्वत को डूबने से बचाने के लिए कूर्म अवतार लिया। कहते हैं कि इस कूर्म की पीठ का घेरा एक लाख योजन का था, जिसपर भगवान विष्णु ने मंदरांचल पर्वत थाम रखा था।

मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान श्री हरि भगवान विष्णु ने अपना विशाल कच्छप रूप सहित अपना दिव्य विराट पुरुष रूप भी दिखाया था। इसलिए हिन्दू धर्म में कूर्म जयंती का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन को हर प्रकार के निर्माण संबंधी कार्य के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस पावन दिन को भूमि पूजन और वास्तु संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए उत्तम बताया गया है। आइए जानते हैं, वास्तु दोष का तात्पर्य क्या है, वास्तु दोष के लक्षण क्या है और किन मौलिक और आसान उपायों से घर के वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है?

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: धन-वैभव आने से पहले दिखते हैं ये 7 संकेत, जाग जाता है सोया भाग्य

ऊर्जा में असंतुलन

सामान्य रूप से वास्तु दोष का तात्पर्य है घर या किसी जगह की ऊर्जा में असंतुलन होना। यहां ऊर्जा में असंतुलन का मतलब है नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होना, जो नक्शा, कमरे, फर्नीचर या प्रवेश द्वार की गलत स्थिति के कारण हो सकता है। प्रायः किसी घर में सामने वास्तु दोष के कारण ये होते हैं:

---विज्ञापन---
  • सही दिशा में निर्माण न होना: घर के महत्वपूर्ण कमरों जैसे रसोई, बेडरूम, या पूजा स्थान का गलत दिशा में होना।
  • मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना: यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।
  • गलत रंगों का उपयोग: दीवारों पर गलत रंगों का उपयोग ऊर्जा के संतुलन को बिगाड़ सकता है।
  • टूटी हुई या क्षतिग्रस्त वस्तुएं: ये ऊर्जा प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं।
  • गंदगी और अव्यवस्था: घर में गंदगी या अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती है।

वास्तु दोष के लक्षण

वास्तु दोष के लक्षण कई तरह के होते हैं, जैसे कि लगातार बीमार होना, वित्तीय समस्याएं, घर में तनाव, और असंतोष। घर में वास्तु दोष के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य और धन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु दोष के प्रमुख लक्षण इस प्रकार के होते हैं:

  • परिवार में कलह और तनाव: घर में बिना किसी कारण के लड़ाई झगड़ा होना।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: परिवार के सदस्यों का बार-बार बीमार होना।
  • आर्थिक समस्याएं: अच्छी कमाई के बावजूद भी आर्थिक स्थिति का खराब रहना।
  • नकारात्मक ऊर्जा: घर में नकारात्मक ऊर्जा का अधिक होना।
  • काम में रुकावट: नए काम में रुकावट आना या बने बनाए काम का खराब होना।

वास्तु दोष को दूर करने के उपाय

वास्तु शास्त्र घर, दफ्तर या किसी भी स्थान के निर्माण में ऊर्जा संतुलन बनाए रखने पर जोर देता है। यदि किसी भवन में वास्तु दोष मौजूद हों, तो इससे मानसिक अशांति, आर्थिक परेशानियां या पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सौभाग्य की बात यह है कि बिना किसी बड़े परिवर्तन के भी इन दोषों को सरल उपायों से ठीक कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।

  1. घर को साफ-सुथरा रखें: घर में गंदगी और अव्यवस्था को दूर करें।
  2. गलत वस्तुओं को हटा दें: टूटी हुई या क्षतिग्रस्त वस्तुओं को हटा दें।
  3. घर के कमरों और फर्नीचर को सही दिशा में रखें: वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में कमरों और फर्नीचर को व्यवस्थित करें।
  4. मुख्य द्वार को साफ रखें: मुख्य द्वार के आसपास सफाई रखें और गणेश जी की मूर्ति लगाएं।
  5. प्रकाश: घर में पर्याप्त रोशनी रखें, और अंधेरे को दूर करें।
  6. हवा का आवागमन: खिड़कियां और दरवाजे खोलकर घर में हवा का आवागमन सुनिश्चित करें।
  7. हरे पौधे: घर में हरे पौधे लगाएं, जो सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
  8. स्वस्तिक: मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिह्न लगाएं, जो सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
  9. सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएं: घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए उपाय करें, जैसे कि सकारात्मक विचार रखना और सकारात्मक गतिविधियों में शामिल होना।

ये भी पढ़ें: भगवान बुद्ध की 10 अनमोल शिक्षाएं, इसे अपनाने से बदल जाती है जिंदगी

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 11, 2025 06:13 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें