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Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष व्रत आज, जानें शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और आरती

Som Pradosh Vrat 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: आज 3 नवंबर 2025, वार सोमवार को भगवान शिव को समर्पित सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन की गई पूजा सीधे शिव जी तक पहुंचती है. आइए अब जानते हैं सोम प्रदोष व्रत के महत्व, पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर शिव जी की आरती के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 3, 2025 04:41
Som Pradosh Vrat 2025
Credit- Social Media

Som Pradosh Vrat 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: हिंदुओं के लिए प्रदोष व्रत का खास महत्व है, जो कि देवों के देव महादेव को समर्पित है. द्रिक पंचांग के अनुसार, हर महीने दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है. पहला व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज 3 तारीख को रखा जा रहा है. आज सोमवार का दिन है, ऐसे में इसे सोम प्रदोष व्रत कहेंगे.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से सोम प्रदोष व्रत रखते हैं और शिव जी की पूजा करते हैं, उनकी कई इच्छाएं पूरी होती हैं. हालांकि, शिव जी के साथ आज उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती की पूजा करना भी शुभ होता है. आइए अब जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और आरती आदि के बारे में.

शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ आज 3 नवंबर 2025 को सुबह 12 बजकर 37 मिनट से हो गया है, जिसका समापन आज देर रात 9 बजकर 35 मिनट पर होगा. इसलिए आज ही प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जिसे सोम प्रदोष व्रत कहना ज्यादा उचित होगा.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करनी शुभ होती है. द्रिक पंचांग के मुताबिक, आज 3 नवंबर 2025 के दिन का प्रदोष समय दोपहर 03:48 मिनट से लेकर शाम 06:55 मिनट तक है. इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:13 से लेकर सुबह 06:15 मिनट तक है. इसके बाद सुबह 11:15 से सुबह 11:50 मिनट तक पूजा का अभिजित मुहूर्त है. वहीं, दोपहर 03:48 से शाम 05:21 मिनट तक सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त है.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध पीले या लाल रंग के कपड़े धारण करें.
  • घर के मंदिर की गंगाजल से सफाई करें.
  • मंदिर में लकड़ी की एक चौकी रखें. उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर शिव जी की मूर्ति स्थापित करें.
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें.
  • शिव जी का जल से अभिषेक करें.
  • देसी घी का एक दीपक जलाएं.
  • शिव जी को कच्चा दूध, बेलपत्र, सफेद चंदन, अक्षत, वस्त्र और कनेर के पुष्प अर्पित करें.
  • शिव मंत्रों का जाप करें.
  • प्रदोष व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.
  • आरती करके पूजा का समापन करें.
  • व्रत का पारण करने से पहले गरीबों को अन्न, वस्त्र, सफेद मिठाई या जल का दान करें.

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आज शिव के इन मंत्रों के जाप से होगा कल्याण

  • ॐ नमः शिवाय॥
  • श्री शिवाय नमस्तुभ्यम॥
  • ॐ नमो भगवते रुद्राय:॥
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात॥
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव जी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ओम जय शिव ओंकारा॥

सोम प्रदोष व्रत के पारण का समय

सोम प्रदोष व्रत का पारण कल सूर्योदय के बाद पूजा-पाठ करने के पश्चात करना शुभ रहेगा. कल 4 नवंबर को 7 बजकर 19 मिनट पर सूर्योदय होगा, जिसके बाद कभी भी आप व्रत का पारण (तोड़ना या खोलना) कर सकते हैं.

किस चीज को खाकर प्रदोष व्रत खोलें?

सोम प्रदोष व्रत खोलने के लिए आप दूध, फल, साबूदाना की खीर, सिंघाड़े का हलवा, साबूदाना की खिचड़ी या कुट्टू के आटे की पूड़ी खा सकते हैं, लेकिन सबसे पहले इन चीजों का भोग शिव जी को जरूर लगाएं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 03, 2025 04:41 AM

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