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शनि जयंती 2024 कब है? पूजा में इन चीजों का इस्तेमाल है वर्जित, कुपित हो जाते हैं शनिदेव

Shani Jayanti 2024: भगवान शनिदेव कर्मफल के स्वामी और न्यायाधीश हैं। उनकी पूजा और भोग में काले रंग की वस्तुएं अधिक होती हैं। भूल से भी उन्हें कुछ चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए, वरना वे क्रोधित हो जाते हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: May 3, 2024 19:59
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Shani-Jayanti-2024
शनि जयंती 2024

Shani Jayanti 2024: भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र शनिदेव की जयंती वैशाख अमावस्या के दिन मनाई जाती है। साल 2024 में वैशाख अमावस्या 8 मई को पड़ रही है। इस दिन शनि साधक भगवान शनिदेव की विशेष पूजा-आराधना और अनुष्ठान करते हैं। भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले और गहरे नीले रंग की वस्तुएं अधिक चढ़ाई जाती हैं, जैसे- काला तिल, उड़द की दाल, काले चने, लोहे की वस्तुएं आदि। लेकिन शनिदेव की पूजा में कुछ वस्तुओं का इस्तेमाल भूल से भी नहीं करना चाहिए। इससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं। कुपित होकर शनिदेव साधक का अनिष्ट कर सकते हैं। शनि के कोप से राजा भी रंक हो जाता है। इसलिए उनकी पूजा बहुत सतर्कता से करनी चाहिए।

शनि पूजा में ये वस्तुएं हैं वर्जित

1. तांबे की वस्तुएं: तांबा सूर्यदेव से संबंधित होने के कारण शनिदेव को तांबे की वस्तुएं नहीं चढ़ाई जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य और शनि एक-दूसरे के दुश्मन हैं।

2. तामसिक वस्तुएं: भगवान शनिदेव को तामसिक पदार्थों, जैसे- मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का भोग नहीं लगाया जाता है।

3. चमड़े की वस्तुएं: चमड़े की वस्तुएं पशुओं की खाल से बनती हैं। शनिदेव एक सात्विक देवता हैं। सात्विक देवों को चमड़े की वस्तुएं नहीं चढ़ाई जाती हैं।

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4. मसूर की दाल: मसूर दाल में मंगलदेव का वास होता है। मंगल और शनि की आपसी शत्रुता के कारण शनिदेव को मसूर दाल अर्पित नहीं करना चाहिए।

5. सूखे फूल और टूटी हुई वस्तुएं: शनिदेव को सूखे फूल और टूटी हुई वस्तुएं अर्पित नहीं करनी चाहिए, इससे वे कुपित हो जाते हैं।

6. नारियल पानी: नारियल पानी में सूर्य का वास माना जाता है, इसलिइ यह भी नहीं चढ़ाया जाता है।

भगवान शनिदेव केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देव, दानव, यक्ष, गंधर्व, मनुष्य आदि सभी को उनके कर्मों के अनुसार अनुसार फल या दंड देते हैं। वे कर्मफल के स्वामी और न्यायाधीश हैं। उनकी पूजा कभी भी जूते पहन कर नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि शनि की दृष्टि से बचकर रहना चाहिए, इसलिए उनकी प्रतिमा से आंखें नहीं मिलाई जाती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: May 03, 2024 04:42 PM

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