Ranbireshwar Temple: भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं। सोमवार 22 जुलाई, 2024 से सावन की शुरुआत हो जाएगी, जो 19 अगस्त को रक्षा बंधन त्योहार के साथ समाप्त होगी। वहीं, इस साल कांवड़ यात्रा के लिए शिवभक्त 22 जुलाई से 3-4 दिन पहले ही इसकी तैयारियां शुरू कर देंगे। इस मौके पर आइए जानते हैं, एक ऐसे मंदिर के बारे में, जिसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा शिव मंदिर माना जाता है और यहां एक साथ सवा लाख शिवलिंगों के दर्शन होते हैं।
युद्ध वीर के स्वामी भगवान शिव
भगवान शिव के उपासकों को शैव कहते हैं। उत्तर भारत में हिन्दू धर्म के इस प्रतिष्ठित संप्रदाय के सबसे अधिक मंदिर हैं। इन्हीं मंदिरों में एक प्रसिद्ध मंदिर जम्मू में स्थापित है, जिसे रणबीरेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। रणबीरेश्वर अर्थ होता है, युद्ध वीर के स्वामी। हालांकि मंदिर का नाम इसके संस्थापक के नाम पर रखा गया है। बता दें, जम्मू-कश्मीर प्राचीन काल से शैव संप्रदाय का एक मुख्य केंद्र रहा है। विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ गुफा मंदिर भी यहीं स्थित है।
जम्मू का रणबीरेश्वर मंदिर
रणबीरेश्वर मंदिर जम्मू के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण महाराजा रणबीर सिंह ने 1883 में करवाया था। बाद में मंदिर का नाम उन्हीं के नाम पर रख दिया गया। यह जम्मू-कश्मीर सिविल सचिवालय के सामने शालीमार रोड पर स्थित है। मंदिर की एक विशेषता यह है कि यह पहली मंजिल पर बना है, जिसका मुख्य आकर्षण यहां का एक विशाल शिवलिंग के साथ सवा लाख शिवलिंगों की श्रृंखला है।
उत्तर भारत का सबसे बड़ा शिव मंदिर
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के मुताबिक रणबीरेश्वर मंदिर उत्तर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में 8 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है, जो काले पत्थर से बनी है। इस शिवलिंग के बारे में दावा किया जाता है कि यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा शिवलिंग है। इस शिवलिंग के इर्द-गिर्द भारत के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप भी स्थापित किए गए हैं, जो मंदिर की शोभा को बढ़ा देते हैं। साथ, इस मंदिर में भगवान शिव के दोनों पुत्रों, भगवान गणेश और कार्तिकेय की विशाल मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर के द्वार पर पीतल से बनी नंदी बैल की विशाल प्रतिमा भी इस मंदिर एक और विशेष आकर्षण है।
एक साथ स्थापित हैं सवा लाख शिवलिंग
रणबीरेश्वर मंदिर का एक और बड़ा आकर्षण है, यहां स्थापित सवा लाख शिवलिंग। ये शिवलिंग मंदिर के अंदर दायीं और बायीं ओर बने प्लेटफॉर्म पर स्थापित किए गए हैं। ये शिवलिंग आकार में काफी छोटे हैं, यही कारण है कि इन शिवलिंगों को ‘बौना लिंगम’ कहा जाता है। ये सभी शिवलिंग नर्मदा नदी से लाए गए प्राकृतिक शिवलिंग हैं। बता दें, नर्मदा नदी की घाटी में प्राकृतिक शिवलिंग पाए जाते हैं, जिसे नर्मदेश्वर शिव कहते हैं।
कैसे पहुंचे यहां?
केंद्रशासित राज्य जम्मू और कश्मीर में स्थित जम्मू सड़क, रेल और हवाई मार्ग से भलीभांति जुड़ा हुआ है। जम्मू तवी यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है, जो रणबीरेश्वर मंदिर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं, निकटतम हवाई अड्डा जम्मू हवाई अड्डा, जो मंदिर से लगभग 8 किमी दूर है। बता दें, यह मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक खुला रहता है, जब आप भगवान शिव का दर्शन कर सकते हैं।
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