---विज्ञापन---

Religion

भगवान क्यों हमें दिखाई नहीं देते? प्रेमानंद महाराज से जानें कारण और देवी-देवताओं को देखने का उपाय

सोशल मीडिया पर इस समय वृंदावन के प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो बता रहे हैं कि क्यों हमें भगवान दिखाई नहीं देते हैं। इसी के साथ उन्होंने देवी-देवताओं को साक्षात देखने के एक प्रभावशाली उपाय के बारे में भी बताया है, जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 25, 2025 10:02
premanand maharaj viral video
कैसे देख सकते हैं भगवान को?

हर एक सनातनी की भगवान से खास आस्था जुड़ी है। जहां कुछ लोग नाम जाप करके देवी-देवताओं को प्रसन्न करते हैं तो कुछ उन्हें उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करके खुश करने का प्रयास करते हैं। हालांकि भगवान के साक्षात दर्शन आसानी से हर किसी को नहीं होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बहुत ही कम धर्म गुरुओं को देवी-देवताओं के दर्शन हुए हैं। लेकिन सामान्य व्यक्ति को आसानी से भगवान के दर्शन नहीं होते हैं।

कभी न कभी आपके मन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि क्यों भगवान दिखाई नहीं देते हैं? क्या आज के कलयुग में भगवान को नेत्रों से देखा जा सकता है? जब ये ही सवाल वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा तो उन्होंने क्या जवाब दिया? चलिए उसके बारे में जानते हैं।

---विज्ञापन---

क्यों दिखाई नहीं देते भगवान?

प्रेमानंद महाराज से जब एक भक्त ने सवाल किया कि ‘भगवान हमें क्यों दिखाई नहीं देते?’ तो इसका जवाब देते हुए बाबा ने कहा, ‘इन नेत्रों की क्षमता नहीं है। हमारे नेत्र त्रिगुण माया से बने हैं, जो केवल सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण से बनी हुई वस्तुओं को ही देख सकते हैं। जब तक हमारे नेत्रों में प्रेम नेत्र नहीं आएगा, तब तक हम भगवान को नहीं देख सकते।’

इसी के आगे उन्होंने कहा, ‘जो हमारे हृदय में प्रेम नेत्र हैं, वो जब खुलते हैं तो इन्हीं नेत्रों में उनका प्रकाश होता है। जैसे कि विराट रूप देखने के लिए भगवान ने अर्जुन की दृष्टि में दिव्य दृष्टि दी थी, जिसके कारण वो विराट रूप देख पाया। वैसे तो सबके हृदय में भगवान विराजमान हैं। लेकिन जब तक हमारे हृदय में प्रेम नहीं होगा तब तक हम भगवान को नहीं देख पाएंगे। यदि आप भगवान को देखना चाहते हैं तो इसके लिए नाम जाप करें। जो व्यक्ति नाम जाप करता है, उसके हृदय में प्रेम विराजमान होता है और एक दिन वो भगवान को भी साक्षात देख सकता है।’

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें- Premanand Maharaj Video: अपराधी को केस जिताना सही है या गलत? जानें इस सवाल पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज

त्रिगुण माया क्या है?

त्रिगुण माया को सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण के रूप में जाना जाता है। ये तीनों गुण ब्रह्मांड को बनाने, रखरखाव और विनाश में शामिल हैं, जिसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर भी पड़ता है। सतोगुण को सात्विकता का प्रतीक माना जाता है, जिसके कारण व्यक्ति अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित होता है। वहीं रजोगुण को प्रकृति का एक स्वभाव माना जाता है, जिससे व्यक्ति के अंदर उत्साह की भावना उत्पन्न होती है। जबकि तमोगुण अज्ञान, अंधकार, आलस और निष्क्रियता को दर्शाता है।

ये भी पढ़ें- पूजा करते समय बच्चा रोने लगे तो पूजन बीच में छोड़ दें? प्रेमानंद महाराज से जानें नियम

First published on: May 25, 2025 10:02 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें