Mantra for Sleeplessness: मंत्र, प्रार्थना और ध्यान का हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। मंत्रों को गाने या सुनने से मन और आत्मा को शांति मिलती है। ये प्रार्थनाएं पंखों की तरह काम करती हैं, जो आत्मा को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करती हैं। ध्यान को आंखों के समान माना गया है, जिससे हम ईश्वर या देवी-देवताओं को महसूस कर सकते हैं। जब हम भक्ति, विश्वास और पूरे मन से मंत्रों का उच्चारण करते हैं, तो हम अनंत ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ जाते हैं। मंत्रों का प्रभाव दवाइयों की तरह तत्काल भले ही न लगे, लेकिन ये अंदर से मजबूत और शांत बनाते हैं। यह देखा गया है कि तनाव, थकान और निराशा से उबरने के लिए मंत्रों का सहारा लेने से लाभ होता है। ये आपको एक नई ऊर्जा देंगे और जीवन को खुशहाल बनाएंगे।
काम और मूड को प्रभावित करती है अनिद्रा
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई तनाव, थकान, परेशानी और अनिद्रा से जूझ रहा है। लोग अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं, जिससे उनका मन और शरीर दोनों थका-थका महसूस करते हैं। अनिद्रा एक सामान्य नींद विकार है जिसके कारण सोना या सोते रहना मुश्किल हो सकता है। जब आप जागते हैं तब भी आपको थकान महसूस हो सकती है। अनिद्रा शरीर ऊर्जा स्तर को कम कर देती है और मूड को प्रभावित करती है।
मंत्र चिकित्सा का सहारा
जब लोग इस समस्या से उबर नहीं पाते, तो वे दवाइयां लेने लगते हैं। लेकिन ये दवाएं हमेशा कारगर नहीं होतीं और इनके साइड इफेक्ट भी होते हैं। इससे उबरने और निदान के लिए लोग म्यूजिक थेरैपी और मंत्र चिकित्सा की हेल्प ले रहे हैं। जब सभी दवाएं और उपाय असफल हो जाते हैं, तब वैदिक मंत्रों का सहारा लिया जा रहा है। मंत्रों का असर हमारे मन और आत्मा पर गहराई से होता है। मंत्रों की लयबद्ध ध्वनि मन को शांत करती है और परेशानियों को दूर करने में मदद करती है। इन वैदिक मंत्रों की चिकित्सा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
तनाव और अनिद्रा के लिए शक्तिशाली शिव मंत्र
वैदिक मंत्र के विशषज्ञों के अनुसार, ‘शिव संकल्प सूक्त’ एक मंत्र है, जो अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए बेहद प्रभावशाली तरीके से काम करता है। मंत्रों की शक्ति और उसके प्रभाव को जानने वालों के मुताबिक, इस रोग या परेशानी से उबरने में शिव संकल्प सूक्त रामबाण की तरह काम करता है। यह देखा गया है कि यह शिव मंत्र मन, इच्छाओं और जीवन के लक्ष्यों को बेहतर और शुद्ध बनाने में मदद करता है। आपको बता दें कि शिव संकल्पम सूक्त यजुर्वेद के 34वें अध्याय से लिया गया एक बेहद खास मंत्र है, जिसमें 6 श्लोक शामिल हैं। इस सूक्त में एक अनोखे और महत्वपूर्ण संकल्प की बात की गई है, मन की शक्ति बढ़ाते हैं और नकारात्मकता और परेशानी को दूर रखते हैं। परिणामस्वरूप, तनाव और अवसाद धीरे-धीरे दूर हो जाता है।
शिव संकल्प सूक्त
यज्जाग्रतो दूरमुदैति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवैति।
दूरङ्गमं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
येन कर्माण्यपसो मनीषिणो यज्ञेकृण्वन्ति विदथेषु धीराः।
यदपूर्वं यक्षमन्तः प्रजानां तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
यत्प्रज्ञानमुतचेतो धृतिश्च यज्ज्योतिरन्तरमृतं प्रजासु ।
यस्मान्नऋते किञ्चन कर्मक्रियते तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
येनेदं भूतं भुवनं भविष्यत् परिगृहीतममृतेन सर्वम्।
येन यज्ञस्तायते सप्तहोता तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
यस्मिन्नृचः साम यजूंषि यस्मिन् प्रतिष्ठिता रथनाभाविवाराः।
यस्मिश्चित्तं सर्वमोतं प्रजानां तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
सुसारथिरश्वानिव यन्मनुष्यान् नेनीयतेऽभीशुभिर्वाजिन इव।
हृत्प्रतिष्ठं यदजिरं जविष्ठं तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु॥
(शिव संकल्प सूक्त: महादेव फाउंडेशन से साभार)
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