---विज्ञापन---

Pitru Paksh 2024: कभी राक्षसों का नगर रहा बिहार का गया कैसे बना मोक्ष का केंद्र? जानें अनोखी कहानी

Pitru Paksh 2024: 18 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो गया है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध एवं तर्पण किया जाता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि बिहार के गया में जो भी अपने पूर्वजों का पितृपक्ष के दौरान पिंडदान करता है, उसके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 18, 2024 20:45
Share :
pitrupaksh Importance of gaya in sanatan dharma

Pitru Paksh 2024: गया में पितृपक्ष के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान देश-विदेश के लोग यहां आकर अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं। गया बौद्ध धर्म के लिए भी खास महत्व रखता है। लेकिन क्या आप जनतें हैं कि राक्षस की नगरी गया कैसे बन गई मोक्ष स्थली?

विष्णु पुराण में वर्णित कथा के अनुसार पौराणिक काल में एक गयासुर नाम का राक्षस हुआ करता था। उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या कर वरदान में यह देने को कहा कि जो भी प्राणी मुझे देख लेगा, उसे यमलोक का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। इसके बाद जो भी  मनुष्य गयासुर को मरते समय या उससे पहले देख लेता, उसकी आत्मा सीधे विष्णु लोक जाने लगी।

---विज्ञापन---

यमलोक में हाहाकार

उधर यमलोक में विराजमान यमराज जी चिंतित हो उठे। उन्हें चिंता सताने लगी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन विष्णु लोक पापी आत्माओं से भर जाएगा। उसके बाद यमराज ब्रह्मा, विष्णु और शिव के पास गये और बोले, प्रभु ! गयासुर के कारण पापी आत्मा भी वैकुंठ जाकर मोक्ष को प्राप्त करने लगी है। जल्द ही कुछ करिए नहीं तो सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा। तब ब्रह्माजी ने कहा हे वत्स! तुम चिंता मत करो,जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

विष्णु जी का वरदान

उसके बाद ब्रह्माजी, गयासुर से मिलने धरतीलोक आए और गयासुर से कहा वत्स! हम सभी चाहते हैं कि तुम्हारी पीठ पर हमलोग एक यज्ञ करें। ब्रह्माजी की बातें सुनकर गयासुर सहर्ष तैयार हो गया। उसके बाद गयासुर की पीठ पर एक पत्थर रखकर देवताओं ने यज्ञ शुरू कर दिया। यज्ञ जब समाप्त हुआ तो विष्णु जी गयासुर के समर्पण से बड़े ही प्रसन्न हुए और गयासुर को वरदान दिया कि आज के बाद से यह स्थान गया के नाम से जाना जाएगा और जो भी यहां आकर पिंडदान करेगा उसके पूर्वजों की आत्मा को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाएगी। गयासुर कि पीठ पर रखा गया पत्थर आज प्रेत शिला के नाम से जाना जाता है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें-Pitru Paksh 2024: झूठी गवाही की सजा आज भी भुगत रहे हैं ये चार लोग, श्राद्ध को बताया था झूठा!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Sep 18, 2024 07:27 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें