Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के बारे में यह बात बार-बार कही जाती है कि महाराज जी साक्षात भगवान हनुमान के अवतार थे। कहते हैं, जिस प्रकार से हनुमान जी आज भी इस दुनिया में विद्यमान हैं और पूरी दुनिया समेत भक्तों और जरूरतमंदों की अदृश्य रूप में रक्षा कर रहे हैं, उसी प्रकार से महाराज जी यानी नीम करोली बाबा भी अपने साधकों की दुनिया के हर हिस्से में जाकर सहायता करते हैं। वे अगोचर हैं, सर्वत्र हैं और उनकी शक्तियां अनंत हैं। मान्यता है कि बाबा आज भी अपने सूक्ष्म रूप में अपने भक्तों की सहायता कर उनको कृतार्थ कर रहे हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं, नीम करोली बाबा से जुड़ी कुछ रोचक और जरूरी बातें, जो यह साबित करती हैं कि बाबा कितने महान थे और वे एक पूर्ण सिद्ध पुरुष थे।
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नीम करोली बाबा से जुड़ी रोचक बातें
- महाराज जी यानी नीम करोली बाबा को मात्र 17 वर्ष की उम्र में ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मणदास है और उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था।
- नीम करोली बाबा के पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। उनके पिताजी ने बाबा का विवाह मात्र 11 वर्ष की उम्र में करवा दिया था।
- माना जाता है कि सन 1958 में बाबा जी ने घर का त्याग कर दिया था और वे पूरे उत्तर भारत में साधुओं की भांति विचरण करने लगे।
- बाबा को अनेक नामों से जाना जाता था। भक्त उन्हें संत लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा आदि कई नामों से पुकारते थे।
- ऐसा बताया जाता है कि गुजरात के बावनिया (मोरवी) में बाबा ने तपस्या की थी, यहां वे तलैया वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध थे।
- नीब करोरी के पास ट्रेन से उतार देने और ट्रेन के न चलने के बाद जब उनसे माफी मांगी गई और उन्हें ससम्मान ट्रेन में बैठाया गया, तब ही ट्रेन चल पाई थी। इस घटना के बाद से ही वे नीम करोली बाबा के नाम से विख्यात हुए।
- उत्तराखंड के नैनीताल के पास कैंची धाम में वे सन 1961 में पहली बार आए थे। यहीं पर अपने आश्रम को बनाने के बारे में विचार किया और सन 1964 में आश्रम की स्थापना की थी, जो आज पूरी दुनिया में विख्यात है।
सपने में भी न भूलें नीम करोली बाबा की ये 3 बातें
नीम करोली बाबा की कही हुई बातें जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और आत्मिक विकास की राह दिखाने में सहायक होती हैं। उनका जीवन सादगी, भक्ति और चमत्कारों से भरा था। उनके भक्तों का मानना है कि उनकी शिक्षाएं आज भी अदृश्य रूप से जीवन का मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंने अपने उपदेशों में कई बातों का जिक्र किया है, लेकिन हर उपदेश में 3 बातें जरूर कहते थे। सपने में भी उनकी इन 3 महत्वपूर्ण बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए:
1. सेवा और परोपकार
नीम करोली बाबा ने अपने सभी उपदेशों में यह स्पष्ट संदेश दिया है, ‘परोपकार सबसे बड़ा धर्म है।’ बाबा ने सिखाया है कि दूसरों की सेवा करना भगवान की सेवा करने के समान है। निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करने और समाज में प्रेम व करुणा फैलाने को जीवन का उद्देश्य मानें। गरीबों, भूखों और जरूरतमंदों की सेवा करने से आत्मा को शांति मिलती है।
2. सादगी और समर्पण
महाराज जी ने कहा है, ‘भगवान का वास सादगी और भक्ति में है।’ नीम करोली बाबा अपने साधारण जीवन और भक्ति से यह संदेश देते थे कि बाहरी दिखावे से अधिक महत्वपूर्ण है भीतर का शुद्ध और विनम्र होना। अपने जीवन में ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और आस्था रखें। अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर सादा जीवन व्यतीत करें।
3. प्रेम और क्षमा
बाबा का संदेश था कि प्रेम ही ईश्वर है और क्षमा जीवन का सबसे बड़ा गुण है। बाबा का मानना था कि सच्चा प्रेम सभी बाधाओं को दूर कर सकता है। उन्होंने यह भी सिखाया कि दूसरों को क्षमा करना आत्मा को हल्का करता है और शांति प्रदान करता है। हर व्यक्ति में भगवान को देखें और उनसे प्रेम करें। दुश्मनों को भी क्षमा कर दें, क्योंकि इससे आपके अंदर की कड़वाहट समाप्त होगी।
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