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नौतपा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का क्या है शुभ समय, जानें पूजा विधि और मंत्र

Nautapa 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, कल यानी 25 मई से अगले 9 दिन यानी 2 जून तक सूर्य का तापमान बढ़ जाएगा। अगले 9 दिन को नौतपा के नाम से जाना जाता है। नौतपा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देना का विशेष महत्व है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि सूर्य देव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही पूजा विधि क्या है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: May 25, 2024 07:02
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Nautapa 2024

Nautapa 2024: सनातन धर्म में नौतपा का समय बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस दौरान आदित्यनाथ सूर्य देव की पूजा की जाती है। जो लोग नौतपा के दौरान सूर्य देव की पूजा विधि-विधान और सच्चे मन से करते हैं उन्हें समाज में मान-सम्मान मिलता है। साथ ही कार्यक्षेत्र में पदोन्नति होता है। पंचांग के अनुसार, नौतपा की शुरुआत कल यानी 25 मई से हो रही है और समाप्ति 9 दिन बाद यानी 2 जून को होगी।

नौतपा साल भर में सबसे गर्म वाला दिन माना गया है। इस दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। तो आइए आज इस खबर में जानते हैं कि नौतपा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देने का शुभ समय क्या है और किस विधि से सूर्य देव को अर्घ्य देने चाहिए। साथ ही अर्घ्य देने का मंत्र क्या है।

नौतपा में अर्घ्य देने का मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। पंचांग के अनुसार, अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त सुबह के 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 06 बजकर 45 मिनट तक रहता है। इस शुभ समय में सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं।

किस विधि से अर्पित करें जल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सबसे पहले सुबह में जल्दी उठें। सुबह उठकर स्नान करें। स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल, फूल, अक्षत, गुड़ और रोली आदि लें। इन चीजों को लेकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके अर्घ्य दें।

ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे शुभ समय सूर्योदय माना गया है। यदि आप सूर्योदय के समय अर्घ्य देते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें। साथ ही सच्चे मन से सूर्य देव को नमस्कार करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जूते या चप्पल न पहनें।

सूर्य देव को अर्घ्य देने का मंत्र

ॐ आदित्याय नम:

सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।

विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।

ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

First published on: May 24, 2024 03:17 PM

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