Massa On Body Meaning: सामुद्रिक शास्त्र एक बहुत ही प्राचीन भारतीय विद्या है, लेकिन इसकी मदद से भविष्य से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलते हैं. इसमें शरीर की बनावट, निशान, तिल और लक्षणों के आधार पर व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत मिलते हैं, जिसमें शरीर पर मस्सा होना भी अहम माना गया है. इसकी मदद से किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य, बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व और भाग्य के बारे में बहुत कुछ पता चल सकता है. हालांकि, मेडिकल में मस्सों को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस संक्रमण माना जाता है, जो कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है. आइए जानते हैं शरीर पर मस्से होने के धार्मिक महत्व के बारे में.
भाग्यशाली होने का अहम संकेत
नाक के आगे वाले हिस्से पर लाल रंग का मस्सा होना सामुद्रिक शास्त्र में काफी शुभ माना गया है. ऐसे लोग भाग्यशाली होते हैं. ये लोग जो भी काम करते हैं, उसमें उन्हें सफलता जरूर मिलती है. खासकर, नौकरी करना इन लोगों के लिए अच्छा रहता है. यदि ये लोग पूरी ईमानदारी और मेहनत से अपना कार्य करते हैं तो इन्हें कुछ ही समय में ऊंचा मुकाम हासिल हो जाता है.
दिमाग काफी तेज होता है
सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि नाक पर काले रंग का मस्सा होना शुभ नहीं होता है. ऐसे लोगों के जीवन में हर समय परेशानियां रहती हैं, जिस कारण ये कभी भी अपने जीवन से खुश नहीं रहते हैं. हालांकि, इन लोगों का दिमाग काफी तेज होता है, लेकिन कई बार ओवर कॉन्फिडेंस में ये अपना ही नुकसान करवा लेते हैं.
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चिंता का कारक है मस्सा
आंख के निचले हिस्से में मस्सा होना शुभ नहीं होता है. इसे चिंता का कारक माना जाता है. इन लोगों के जीवन में आएदिन परेशानियां आती हैं, जिन्हें सुलझाने में ही ये जीवनभर लगे रहते हैं. ये लोग कभी भी खुलकर अपना जीवन जी नहीं पाते हैं, बल्कि छोटी-छोटी बातों पर टेंशन लेने लगते हैं.
नहीं होती धन की कमी
अधिकतर लोगों के गले पर मस्सा होता है, जिसे न तो ज्यादा अच्छा और न ही बुरा माना जाता है. ऐसे लोगों का स्वभाव अच्छा होता है, लेकिन इन्हें बहुत ही कम उम्र में कुछ गलत चीजों की लत लग जाती है. ऐसे में इन्हें वो सफलता नहीं मिल पाती है, जिसके ये हकदार होते हैं. हालांकि, इन्हें पैसों की कमी का कभी सामना नहीं करना पड़ता है. ये लोग अपनी मेहनत से अपने जीवन को सुखमय बनाने का प्रयास करते हैं.
छोटी-छोटी बातों पर आता है गुस्सा
पेट पर मस्सा होना सामुद्रिक शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है. इसे कलह का कारक माना जाता है. ऐसे लोगों को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान इन्हें ही होता है. इसके अलावा ये अपने रिश्तों को लेकर भी सजग नहीं होते हैं, जिस कारण मुश्किल समय में ये खुद को अकेला महसूस करते हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामुद्रिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










