Margashirsha Purnima 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व है। इस माह में आने वाले व्रत-त्योहार के दिन सच्चे दिल से पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं। मार्गशीर्ष माह के समाप्त होने से पहले पूर्णिमा तिथि आएगी, जिस दिन व्रत और लक्ष्मी-नारायण जी की उपासना करने से जातकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 और दिसंबर माह की आखिरी पूर्णिमा का व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन व्रत रखने के साथ-साथ कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अन्यथा पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं पांच ऐसे कार्यों के बारे में, जिन्हें मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए। नहीं तो व्यक्ति को देवी-देवताओं के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह में आने वाली तिथि का आरंभ 14 दिसंबर को दोपहर 04:58 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर 02:31 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस बार 15 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाएगी। लेकिन व्रत आज यानी 14 दिसंबर को रखा जाएगा, क्योंकि इसी दिन पूर्णिमा का चांद नजर आएगा। जबकि कल यानी 15 दिसंबर 2024 को स्नान और दान की पूर्णिमा है।
इन 5 बातों का रखें विशेष ध्यान
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सीधा संबंध चंद्र देव से है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उन्हें अर्घ्य देना चाहिए। लेकिन इस दिन गलती से भी चंद्र देवता का अपमान नहीं करना चाहिए। अन्यथा इसका नकारात्मक असर आपके जीवन पर पड़ेगा। खासतौर पर गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाएगा।
- सनातन धर्म के लोगों के लिए पूर्णिमा की रात का विशेष महत्व है। इस दिन रात के समय सोने की जगह जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इससे घर में खुशियों का वास होता है। साथ ही आर्थिक स्थिति को बल मिलता है।
- पूर्णिमा के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन नाखून, बाल और दाढ़ी काटने से धन की देवी माता लक्ष्मी, विष्णु जी और चंद्र देव नाराज होते हैं, जिसके कारण जीवन में परेशानियों का आगमन होता है और घर में क्लेश की स्थिति बनी रहती है।
- पूर्णिमा के शुभ दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है। यदि आप इस दिन काले रंग के कपड़े पहनकर देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, तो इससे उस रंग की नकारात्मक ऊर्जा आपके मन और दिमाग को प्रभावित कर सकती है।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें तुलसी अति प्रिय है। इसलिए इस शुभ दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। अन्यथा आपको विष्णु जी के साथ-साथ देवी तुलसी के क्रोध का सामना भी करना पड़ सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।