Truth About Kalyuga: महाभारत में एक कथा का वर्णन किया गया है जिसके अनुसार जब पांडव अपना सब कुछ जुए में हारने के बाद वन को जा रहे थे तो युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से पूछा हे नारायण ! अभी द्वापर युग का अंत चल रहा है, इसके बाद कलयुग का आगमन होगा। कृपया कर हम भाइयों को यह बताइए कि कलयुग में क्या-क्या घटित होगा? तब श्री कृष्ण बोले पहले तुम सभी वन को जाओ और वहां जो भी दिखे शाम को आकर मुझे बताना। उसके बाद सभी पांडव वन को चले गए। शाम को आकर पांचों पांडव ने जो बताया आइए उसके बारे में जानते हैं।
शोषण
वापस आकर युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से कहा माधव जब मैं वन में घूम रहा था तो मैंने दो सूंड वाले हाथी को देखा। तब श्री कृष्ण बोले धर्मराज आपने जो वन में देखा उसका अर्थ यह है कि आने वाले कलयुग में ऐसे लोगों का राज होगा जो बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ। राज करने वाले, लोगों का दोनों तरफ से शोषण करेंगे।
राक्षसी आचरण
उसके बाद अर्जुन ने कहा हे नारायण ! एक पंक्षी के पंखों पर वेद की ऋचाएं थी परन्तु वह पक्षी मरे हुए जानवर का मांस खा रहा था। अर्जुन की बातें सुनकर श्री कृष्ण बोले अर्जुन तुमने जो देखा उसका मतलब है कि कलयुग में जो लोग खुद को ज्ञानी बताएंगे वास्तव में उनका आचरण राक्षसी होगा। वे मन ही मन यही सोचते रहेंगे कि कब कोई मरे और अपनी संपत्ति उनके नाम कर जाए।
विकास रुक जाएगा
उसके बाद भीम ने श्री कृष्ण से कहा मैंने देखा कि एक गाय बछड़े को इतना चाटती कि बछड़ा लहूलुहान हो जाता है।। श्री कृष्ण ने कहा इसका अर्थ यह हुआ कि कलयुग में मां की ममता के कारण बच्चे का विकास अवरुद्ध हो जाएगा। किसी और का पुत्र यदि साधु बनेगा तो माताएं उनके दर्शन करेंगी परन्तु स्वयं का पुत्र यदि सन्यास लेना चाहेगा तो रोएंगी।
गरीबों की कोई मदद नहीं करेगा
उसके बाद सहदेव ने कहा मैंने वन में देखा कि 7 भरे हुए कुओं के बीच एक कुआं एकदम खाली था। श्री कृष्ण मुस्कुराते हुए बोले सहदेव तुमने जो देखा उसका अर्थ यह है कि कलयुग में अगर कोई भूखा मरता रहेगा तो कोई उसकी मदद नहीं करेगा। अमीर लोग अपने बच्चों की शादी में खूब खर्च करेंगे लेकिन पास में कोई भूख से मर रहा होगा तो उसकी मदद नहीं करेंगे।
हरिनाम से मिलेगी मुक्ति
फिर नकुल ने कहा माधव मैंने देखा कि एक बड़ी सी चट्टान बड़े-बड़े वृक्षों और चट्टानों से टकराने के बाद भी नहीं रुकी परन्तु एक छोटे से पौधे से टकराते ही रुक गई। श्री कृष्ण ने कहा इसका अर्थ यह हुआ कि कलयुग में मन इतना नीचे गिर जायेगा कि वह सत्ता रूपी वृक्ष से भी नहीं भरेगा परन्तु हरिनाम के जप से मनुष्य का पतन रुक जायेगा।
ये भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024: चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर? जानें महत्व और नियम
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।