Krishna Quotes: श्रीमद्भगवद्गीता, सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला का एक अद्भुत मार्गदर्शक यानी गाइड भी है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे हजारों साल पहले थे। गीता के माध्यम से भगवान कृष्ण हमें सिखाते हैं कि जीवन में आने वाली हर मुश्किल का सामना धैर्य और दृढ़ता से किया जा सकता है। जब हम कर्म करते हैं, बिना किसी फल की चिंता किए, तो सफलता अपने आप ही हमारे कदम चूमती है।
भगवान कृष्ण कहते हैं, “कर्म करो, फल की चिंता मत करो।” यह उपदेश हमें कर्मयोग की ओर प्रेरित करता है। आइए जानते हैं, गीता में बताई गई भगवान कृष्ण की अमृतवाणी की वे 5 बातें, जिनसे न केवल जीवन में सफलता मिलती है, बल्कि कठिन से कठिन लक्ष्य भी आसानी से हासिल हो जाते हैं।
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1. एकता में बल है
गीता कहती है कि जब हम सब मिलकर एक काम करते हैं, तो हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। इसे समझाने के लिए भगवान कृष्ण ने एक रस्सी का उदाहरण दिया है। वे कहते हैं कि जैसे कि एक रस्सी के कई धागे मिलकर मजबूत रस्सी बनाते हैं, वैसे ही कई लोग मिलकर बड़े काम कर सकते हैं। महाभारत में भी हम देखते हैं कि पांडवों ने एकजुट होकर कौरवों को हराया था।
2. जिम्मेदारी लेना जरूरी
गीता के वचन अमृत के समान हैं। इस दिव्य ग्रंथ के अनुसार, हर व्यक्ति को अपने काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर हम अपने काम को गंभीरता से नहीं लेंगे तो हम सफल नहीं हो सकते। जैसे कि एक खिलाड़ी को मैच जीतने की जिम्मेदारी लेनी होती है, वैसे ही हमें भी अपने काम को पूरा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
3. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें
गीता हमें सिखाती है कि हमें हमेशा एक लक्ष्य रखना चाहिए और उस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। अगर हमारा मन लक्ष्य पर केंद्रित रहेगा तो हम सफलता जरूर पाएंगे। जैसे कि एक तीरंदाज को निशाना लगाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाकर तीर छोड़ना होता है, वैसे ही हमें भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी मेहनत करनी चाहिए।
4. समय का सदुपयोग करें
समय बहुत कीमती है। गीता के माध्यम से भगवान कृष्ण ने कहा है कि हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए। जो लोग समय का सदुपयोग करते हैं वे हमेशा सफल होते हैं। जैसे कि एक किसान को फसल बोने का सही समय पता होता है, वैसे ही हमें भी हर काम को करने का सही समय पता होना चाहिए।
5. लालच और स्वार्थ से मुक्ति
इसके साथ ही, गीता हमें लालच और स्वार्थ से दूर रहने का उपदेश देती है। जब हम निस्वार्थ भाव से कार्य करते हैं, तो हमारा मन शांत रहता है और हम जीवन के वास्तविक अर्थ को समझ पाते हैं। गीता के अनुसार, व्यक्ति को अपने कर्मों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उनके परिणामों पर।
इन 5 सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करके हम सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। अन्य शब्दों में कहें तो गीता हमें बताती है कि सफल होने के लिए हमें एक टीम के रूप में काम करना चाहिए, अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, एक लक्ष्य रखना चाहिए और समय का सदुपयोग करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।