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Religion

Kaalchakra: शनि को खुश करने के लिए पढ़ें ये 3 पाठ, पंडित सुरेश पांडेय ने बताए लाभ

शनि देव को खुश करने के लिए कुछ विशेष पाठ को पढ़ना अच्छा रहता है। आज प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको उन्हीं पाठ के लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़ने से व्यक्ति को शनि दोष से लेकर महादशा और साढ़ेसाती-ढैय्या आदि से मुक्ति मिल सकती है।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 20, 2025 11:44
kaalchakra Today News24
शनि की टेढ़ी नजर भी हो जाएगी बेअसर...

शनि को क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है, जिसका शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत नहीं होती है, उन्हें विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उनकी सेहत भी अच्छी नहीं रहती है। हालांकि कुछ उपायों व पाठ को पढ़ने से व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि शनि देव को खुश करने के लिए व्यक्ति को कौन-कौन से पाठ पढ़ने चाहिए।

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शनि चालीसा

  • जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष है, उन्हें 21 दिन तक शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • शनि के कारण शादी होने में परेशानी आ रही है तो लगातार कुछ दिनों तक शनि चालीसा का पाठ करें।
  • पति-पत्नी में क्लेश रहता है तो 11 दिन तक शनि चालीसा का पाठ करें।
  • शनि मंदिर में भक्तों को शनि चालीसा का दान करना भी शुभ रहता है।
  • शनि की कृपा पाने के लिए शनि यंत्र के सामने तिल के तेल का दीप जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें।
  • शनि चालीसा पढ़ने के बाद पीपल के पेड़ पर 7 तरह का अनाज चढ़ाएं। साथ ही तेल का दीपक जलाएं। इससे आपको शनि दोष से मुक्ति मिलेगी।

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दशरथकृत शनि स्तोत्र

  • जिन लोगों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही है, उनके लिए शनिवार और मंगलवार को दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहता है। शनिवार को दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर और चोला चढ़ाने के बाद पाठ करें। साथ ही शनिदेव को तिल अर्पित करें।
  • शनि देव के चरणों की ओर ध्यान करके दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना अच्छा रहता है।
  • जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक शनि की लोहे की प्रतिमा बनवाकर शमि के पत्तों से दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करते हुए तिल, काले उड़द और सरसों के तेल का दान करता है, उसे शनि के कारण परेशानी नहीं होती है।

महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र

  • शनि की महादशा में अकाल मृत्यु की स्थिति बन गई है या शारीरिक और मानसिक कष्टों में वृद्धि हो गई है तो ऐसे में व्यक्ति को महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। साथ ही हवन कराएं।
  • महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति को सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही पारिवारिक और संतान का सुख मिलता है।

यदि आप शनिदेव को खुश करने के लिए अन्य 3 पाठ के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 20, 2025 10:45 AM

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