भारतीय संस्कृति में मिट्टी से बने बर्तन जैसे सुराही, मटका या घड़ा सिर्फ पानी या अनाज रखने के साधन नहीं होते, बल्कि ये हमारे जीवन, परंपराओं और धार्मिक विश्वासों से गहराई से जुड़े होते हैं। इन्हें शुद्धता, ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अगर यही घड़ा या सुराही अचानक टूट जाए तो क्या यह किसी शुभ या अशुभ संकेत की ओर इशारा करता है? आइए जानते हैं ज्योतिष और वास्तु शास्त्र इसके बारे में क्या कहते हैं।
अचानक घड़ा टूटना
ज्योतिष के अनुसार यदि बिना किसी कारण के यानी बिना टकराए कोई मिट्टी का घड़ा या सुराही टूट जाती है, तो यह आने वाले समय में किसी बदलाव या संकट की ओर इशारा कर सकता है। इसे एक चेतावनी के रूप में भी देखा जाता है कि भविष्य में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं घट सकती हैं। यह संकेत सकारात्मक भी हो सकता है यदि यह परिवर्तन जीवन में किसी बड़ी रुकावट को हटाने वाला हो।
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मंदिर में मटका टूटना
अगर मंदिर में रखा मिट्टी का घड़ा या कलश अचानक टूट जाता है, तो इसे एक गंभीर चेतावनी माना जाता है। खासतौर पर यदि यह पूजा के दौरान टूटे, तो माना जाता है कि पूजा में कोई त्रुटि हो रही है, जिसे तुरंत सुधारना चाहिए। यह ईश्वरीय संकेत होता है कि आपके अनुष्ठान या कर्म में कुछ बदलाव की आवश्यकता है।
शुभ कार्यों में टूटना
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि किसी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश या दुर्गा स्थापना के दौरान या बाद में मिट्टी का घड़ा टूटता है, तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। यह इस बात का प्रतीक होता है कि उस स्थान से नकारात्मक ऊर्जा का नाश हुआ है और अब वातावरण अधिक पवित्र और सकारात्मक हो गया है।
शव यात्रा में टूटना
परंपरा के अनुसार जब शव यात्रा के समय पानी से भरा मटका या घड़ा अचानक टूट जाता है, तो इसे शुभ माना जाता है। इसका मतलब होता है कि आत्मा को मुक्ति मिल रही है और उसके अंतिम सफर में कोई बाधा नहीं आएगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।