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Freedom from Sins: कैसे पाएं जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति? प्रेमानंद महाराज से जानिए अचूक उपाय और समाधान

Freedom from Sins: वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा कि जन्मों-जन्मों के पापों से मुक्ति कैसे मिल सकती है? आज घोर कलियुग में यह सवाल किसी एक आदमी नहीं है। आइए जानते हैं, इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने क्या अचूक उपाय और समाधान बताया है, जिसे अपनाकर कोई भी व्यक्ति मोक्ष की ओर बढ़ सकता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 6, 2025 08:16
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Freedom from Sins: वृंदावन में प्रेमानंद महाराज का दरबार में देश-विदेश से हज़ारों श्रद्धालु शांति, मार्गदर्शन और आशीर्वाद की तलाश में आते हैं, जिसमें वे आम जन से लेकर बड़े-बड़े संत, नेता, कलाकार और प्रभावशाली हस्तियों के पूछे गए सवालों, मन की उलझनों और जिज्ञासाओं जवाब देते हैं। एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि जन्मों-जन्मों के पाप इस जन्म में खत्म करने के लिए क्या करना होगा? शायद कुछ ऐसा ही सवाल आपके मन में भी उठता होगा, तो आइए जानते हैं, इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने क्या जवाब दिया?

भगवान के पास है दीया सलाई

महाराज जी कहते हैं कि जैसे एक दीया सलाई रूई के पहाड़ को पल भर में भस्म कर देती है, वैसे ही भगवान के पास वह दिव्य शक्ति है, जो आपके जीवन के सारे पापों को नष्ट कर सकती है। लेकिन शर्त है, खुद को ईश्वर को समर्पित करना।

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गीता का अनमोल संदेश

भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में स्पष्ट कहा है: “सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज, अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।” यानी सब कर्म, धर्म, मोह को त्यागकर केवल मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें पापों से मुक्त कर दूंगा। प्रेमानंद जी इसी श्लोक को आधार मानते हुए कहते हैं कि ईश्वर ही एकमात्र उद्धारकर्ता हैं।

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भक्त संगति का महत्व

पापों से मुक्ति के लिए सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, भगवान का नाम जप, और सच्चे भक्तों की संगति बेहद जरूरी है। जब हम उन लोगों के संपर्क में रहते हैं जो ईश्वर को समर्पित हैं, तो हमारे अंदर भी भक्ति की ऊर्जा स्वतः जागृत होती है।

सेवा में है मोक्ष का मार्ग

महाराज जी कहते हैं- ‘हर जीव में भगवान को देखो और सेवा करो।” जब हम निस्वार्थ सेवा करते हैं, तो अहंकार, द्वेष और मोह जैसी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जो पापों की जड़ है।

मुश्किलों से भागो मत, लड़ो

हर जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन उनसे भागना नहीं, डटकर सामना करना ही मानव धर्म है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जब व्यक्ति भगवान से जुड़ता है, तो उसे मुस्कुराकर मुश्किलों का सामना करने की शक्ति मिलती है।

मन को ईश्वर से जोड़ो

जिस क्षण आप मन, वचन और कर्म से ईश्वर से जुड़ते हैं, उसी क्षण पापों की गांठें खुलने लगती हैं। यह कोई जादू नहीं, एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो धीरे-धीरे जीवन को शुद्ध और शांत करती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 06, 2025 08:16 AM

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