Astro Tips : हिंदू धर्म में पति-पत्नी का रिश्ता सिर्फ दो लोगों का साथ नहीं, बल्कि एक पवित्र और आध्यात्मिक बंधन है, जो धर्म, प्रेम, और कर्म से जुड़ा है। शास्त्रों में पत्नी को अर्धांगिनी यानी जीवन का आधा हिस्सा और गृहलक्ष्मी मतलब घर की समृद्धि की देवी माना गया है। वहीं शास्त्रों में कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें पत्नी के साथ करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये धर्म के खिलाफ हैं और घर की सुख-शांति को भंग कर सकते हैं। ये गलतियां न सिर्फ रिश्ते में तनाव लाती हैं, बल्कि शास्त्रों के अनुसार पाप का कारण भी बनती हैं। आइए, जानते हैं वो कौन से 5 काम हैं, जिनको पत्नी के साथ नहीं करना चाहिए।
न करें अपमान
पत्नी का अपमान करना, जैसे उसकी बात को नजरअंदाज करना, मजाक उड़ाना, या नीचा दिखाना, रिश्ते में दरार लाता है और धर्म में पाप माना जाता है। पत्नी गृहलक्ष्मी है, और उसकी बेइज्जती से माता लक्ष्मी नाराज होती हैं। इससे लाइफ में पैसों की तंगी, मानसिक तनाव, और घर में अशांति बढ़ती है। शास्त्र के अनुसार पत्नी का सम्मान सुख और पुण्य की कुंजी होता है। मनुस्मृति के अध्याय 3 के अनुसार पत्नी के अपमान से दुख और पाप का भागी बनना पड़ता है।
शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना
पत्नी पर हाथ उठाना, चिल्लाना या उसे मानसिक तनाव देना घोर पाप है। पत्नी को शास्त्रों में देवी का रूप माना गया है और उस पर अत्याचार से पितृ और देवता नाराज होते हैं। इससे घर में बीमारियां, रिश्तों में दरार और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। याज्ञवल्क्य स्मृति के अनुसार पत्नी पर हिंसा करने वाला नरक में जाता है।
बेवफाई या विश्वासघात
पत्नी के साथ बेवफाई करना, जैसे किसी और के साथ अवैध संबंध रखना आदि धर्म के खिलाफ है और रिश्ते का भरोसा तोड़ता है। इससे परिवार बिखरता है, और शास्त्रों के अनुसार ये पाप इस जन्म और अगले जन्म तक फल देता है। पति-पत्नी का रिश्ता तपस्या की तरह है और बेवफाई इसे भंग कर देती है। इससे लाइफ में दुख और अशांति बढ़ती है। गरुड़ पुराण में बेवफाई को धन, पुत्र, और सुख नाशक पाप माना गया है।
धार्मिक कार्यों में बाधा डालना
पत्नी के पूजा-पाठ, व्रत, या धार्मिक कामों को रोकना या उनका मजाक उड़ाना गलत है। पत्नी को धर्म की सहायक माना जाता है, और उसके धार्मिक कार्यों में रुकावट डालने से घर में सकारात्मक ऊर्जा कम होती है। इससे देवताओं और पितरों का आशीर्वाद घटता है, और तनाव बढ़ता है। विष्णु पुराण के अनुसार पत्नी के धार्मिक कार्यों में सहयोग करने से पुण्य और सुख मिलता है।
आर्थिक दबाव बनाना
पत्नी की आर्थिक जरूरतों को इग्नोर करना, उसे पैसों के लिए तंग करना, या उसकी मेहनत का गलत फायदा उठाना धर्म के खिलाफ है। पत्नी गृहलक्ष्मी है, और उसकी आर्थिक व भावनात्मक सुरक्षा पति का कर्तव्य है। ऐसा न करने से पैसों की कमी, मानसिक तनाव, और अशांति बढ़ती है। शास्त्रों में पति-पत्नी के बीच सहयोग को जरूरी बताया गया है। अथर्ववेद में पति-पत्नी के बीच आर्थिक और भावनात्मक सहयोग को पवित्र माना गया है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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