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“30 लाख पद भरने तक शांत नहीं बैठेंगे,” NSUI ने दिया सरकार को अल्टीमेटम
NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने शिक्षा और रोजगार के मुद्दों को लेकर संसद की ओर एक जोरदार मार्च निकाला। विनय सिंह की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर से आए सैकड़ों छात्र और युवा इस प्रदर्शन में शामिल हुए। वे सरकार से शिक्षा में सुधार और बेरोजगारी को खत्म करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिससे तनावपूर्ण माहौल बन गया। एनएसयूआई का कहना है कि सरकार को युवाओं की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। इस मार्च ने शिक्षा और रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर फिर से चर्चा छेड़ दी है।
5 दिसंबर 2024 को NSUI ने दिल्ली में संसद की ओर मार्च किया। इस मार्च में देशभर से हजारों छात्रों और युवाओं ने भाग लिया। मार्च की शुरुआत होते ही पुलिस ने NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
मार्च का उद्देश्य सरकार की नीतियों और फैसलों के खिलाफ आवाज उठाना था। पेपर लीक, शिक्षा बजट में कटौती, छात्रवृत्ति में कमी और सरकारी पदों की वैकेंसी भरने में असफलता जैसे मुद्दे इस आंदोलन के केंद्र में थे।
NSUI ने संसद मार्च के दौरान सरकार से छह प्रमुख मांगें उठाईं। उन्होंने शिक्षा के लिए फंड की बहाली की जरूरत पर जोर दिया और आरक्षण नीति को सख्ती से लागू करने की मांग की। सार्वजनिक परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक घोटालों पर रोक लगाने और 30 लाख सरकारी रिक्त पदों को तुरंत भरने की अपील की। इसके अलावा, उन्होंने विवादित अग्निपथ योजना को रद्द करने और मणिपुर में शांति बहाल करने की भी मांग की। इन सभी मुद्दों पर NSUI ने सरकार को घेरते हुए छात्रों और युवाओं के हितों की रक्षा का आह्वान किया।
NSUI ने सरकार पर शिक्षा और रोजगार की अनदेखी करने और कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने गौतम अडानी के समर्थन को युवाओं के भविष्य से अधिक महत्व देने की बात कही।
हिरासत में लिए जाने से पहले NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “हम चुप नहीं रहेंगे। सरकार ने शिक्षा और रोजगार के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है। हमारा संघर्ष छात्रों के अधिकारों के लिए जारी रहेगा।”
इस मार्च में देश के कई राज्यों से आए हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और अपनी मांगों को स्पष्ट किया।
NSUI नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उनका उद्देश्य युवाओं और छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना है।