
1 / 11
हिन्दू धर्म में बेटियों को धन की देवी मां लक्ष्मी का रूप माना गया है, जिनकी पूजा करने से घर में बरकत होती है. इसके अलावा कन्याओं को आदि शक्ति मां दुर्गा का भी स्वरूप माना जाता है. मां दुर्गा के 9 रूप कन्याओं के जीवन को परिभाषित करते हैं. चलिए विस्तार से जानते हैं मां दुर्गा के 9 रूपों के बारे में.

2 / 11
मां शैलपुत्री- जब किसी बेटी का जन्म होता है तो उसे माता शैलपुत्री का स्वरूप माना जाता है, जो कि मां दुर्गा का पहला रूप है.

3 / 11
मां ब्रह्मचारिणी- जब घर के आंगन में बेटियों की आवाज गूंजती है व वो बोलने लगती हैं तो उन्हें माता दुर्गा का दूसरा रूप देवी ब्रह्मचारिणी माना जाता है.

4 / 11
मां चंद्रघंटा- जब बेटियां बड़ी होती हैं और ससुराल जाने के सपने देखती हैं तो उन्हें माता दुर्गा का तीसरा रूप देवी चंद्रघंटा माना जाता है.

5 / 11
मां कूष्मांडा- विवाह के बाद जब बेटी अपने गर्भ में एक जीव को धारण करती है तो वो मां कूष्मांडा बन जाती है, जिसे माता दुर्गा का चौथा रूप माना जाता है.

6 / 11
मां स्कंदमाता- जब वो ही बेटी एक बच्चे को जन्म देती है और उसे स्तनपान कराती है तो वो मां स्कंदमाता बन जाती है. माता दुर्गा के पांचवें यानी मां स्कंदमाता के रूप में देवी की गोद में बच्चा भी है, जो इसी को दर्शाता है.

7 / 11
मां कात्यायनी- जब वो ही बेटी अपने परिवार वालों की सेवा करती है व पति की देखभाल करती है तो मां कात्यायनी बन जाती है, जो कि माता दुर्गा का छठा रूप है.

8 / 11
मां कालरात्रि- जब वो ही बेटी अपने पति के दुख-दर्द में साथ देती है तो वो मां कालरात्रि बन जाती है, जिसे माता दुर्गा का सातवां स्वरूप माना जाता है.

9 / 11
मां महागौरी- जब बेटी के सफेद बाल हो जाते हैं और वो अपने बच्चों व परिवारवालों को आशीर्वाद देती है तो वो महागौरी बन जाती है. माता महागौरी को मां दुर्गा का आठवां रूप माना जाता है.

10 / 11
मां सिद्धिदात्री- मां दुर्गा के अंतिम स्वरूप को देवी सिद्धिदात्री माना जाता है. जब बेटी खुशी-खुशी अपना आखिरी समय परिवारवालों के साथ व्यतीत करती है तो वो देवी सिद्धिदात्री बन जाती है.

11 / 11
(All Photo Credit- Social Media) डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.