लंबे समय तक डेस्क पर काम करने से हम एक्टिव नहीं रह पाते हैं। जब हम बिना एक्टिव रहे के लंबे समय तक डेस्क या सोफे पर काम करते हैं, तो इससे कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। एचटी लाइफस्टाइल के साथ एक इंटरव्यू में, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल फरीदाबाद के इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय तक डेस्क पर काम करने से हम एक्टिव नहीं रह पाते हैं, जिससे मोटापा, हार्ट से जुड़ी समस्याएं और मस्कुलोस्केलेटल जैसे समस्याएं हो सकती है। आइए जानते हैं कि डॉक्टर इसके लिए क्या-क्या सुझाव देते हैं?
बार-बार ब्रेक लें
हर 30 से 60 मिनट में उठें और घूमें। वाटर कूलर तक थोड़ी देर टहलना या अपने डेस्क पर स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना जकड़न को कम करने और ब्लड फ्लो को को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इन ब्रेक को लेने के लिए टाइमर सेट करें या फिटनेस ऐप का इस्तेमाल करें।
एर्गोनोमिक सेटअप
ये ध्यान रखें कि आपका कार्यस्थल एर्गोनॉमिक रूप से अनुकूल हो। अपनी कुर्सी, डेस्क और मॉनिटर को सही मुद्रा में रखने के लिए समायोजित करें, जिससे आपकी पीठ और गर्दन पर तनाव कम हो सकता है। स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करने से पूरे दिन आपका शरीर एक्टिव रह सकता है।
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डेस्क एक्सरसाइज
अपने रुटीन में कुछ आसान से एक्सरसाइज को शामिल करें, जैसे कि बैठे हुए पैर उठाना, कुर्सी पर बैठना या हाथ फैलाना। इन्हें सावधानी से किया जा सकता है और ये तनाव को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और मांसपेशियों की टोन बनाए रख सकते हैं।
पैदल कॉन्फ्रेंस करें
कॉन्फ्रेंस रूम में बैठने के बजाय पैदल मीटिंग करना बेहतर रहेगा। इससे न केवल शारीरिक एक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रचनात्मकता और उत्पादकता भी बढ़ेगी। अपनी एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए खड़े होकर या चलते हुए फोन कॉल करें
पैदल या साइकिल से ऑफिस जाना
अगर संभव हो तो काम पर पैदल या साइकिल से जाने की कोशिश करें। अगर आप सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं, तो एक स्टॉप पहले उतरने की कोशिश करें और बाकी रास्ता पैदल ही तय करें। इससे न केवल आपके दिन में शारीरिक एक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि तनाव का लेवल भी कम होगा।
हाइड्रेटेड रहें
काम करते समय हाइड्रेटेड रहें और एनर्जी के लेवल को बनाए रखने के लिए नट्स या फलों जैसे हेल्दी स्नैक्स चुनें। सही पोषण आपको हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं। इससे आपको फोकस बढ़ता है।
डेस्क पर बैठकर काम करने के नुकसान
रीढ़ और गर्दन की समस्याएं- झुकी हुई या गलत मुद्रा में बैठने से पीठ, गर्दन और कंधों में दर्द हो सकता है। साथ ही स्लिप डिस्क या सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
ब्लड सर्कुलेशन कम होना- घंटों बैठने से पैरों और शरीर में बल्ड फ्लो कम हो जाती है। इससे थकान, सूजन या वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं।
दिल की बीमारियों का खतरा- लगातार बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
वजन बढ़ना और मोटापा- एक्टिव न रहने से फैट बर्निंग स्लो हो जाती है, खासकर पेट के आसपास चर्बी बढ़ती है।
आंखों पर जोर- स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों में जलन, धुंधलापन, सिर दर्द और सूखापन हो सकता है।
मानसिक थकान और स्ट्रेस- एक ही जगह बैठे-बैठे दिमाग dull हो सकता है, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और फोकस की कमी आ सकती है।
नींद में कमी- कम मूवमेंट और ज्यादा स्क्रीन टाइम नींद की क्वालिटी पर असर डालते हैं।
बचाव के अन्य तरीके
1. आंखों को आराम देने के लिए 20-20-20 नियम को फॉलो करें (हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक 20 फीट दूर देखें)।
2. स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
3. हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्टिविटी/एक्सरसाइज करें।
4. आरामदायक कुर्सी और सपोर्ट वाला कुशन का इस्तेमाल करें।
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