पिछले 4 सालों से दिल्ली में रह रही एक अमेरिकी महिला ने अपने बच्चों को भारत में ही पाला। उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चों का पालन-पोषण अमेरिका की अपेक्षा भारत में करना क्यों पसंद करती हैं। स्कीफिश डेवलपमेंट में कंटेंट क्रिएटर और तीन बच्चों की मां क्रिस्टन फिशर ने इंस्टाग्राम के एक वीडियो में इसके कई कारण बताए। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके बच्चों को भारत में बड़े होने से कई सारे फायदे मिलेंगे। 2017 में पहली बार भारत आईं फिशर ने देश की संस्कृति, समुदाय और मूल्यों की तारीफ की। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि यहां कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनसे उन्हें अपना बचपन अमेरिका के बजाय यहां बिताना बेहतर लगेगा।
सांस्कृतिक जागरूकता
फिशर का मानना है कि भारत का विविध सांस्कृतिक परिदृश्य उनके बच्चों को कई भाषाओं, परंपराओं और सामाजिक मानदंडों से परिचित कराएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे वे ज्यादा खुले विचारों वाले और अलग-अलग नेचर के अनुकूल बनेंगे।
बहुत सारी भाषाओं को सीखना
उन्होंने बताया कि भारत में पले-बढ़े उनके बच्चे अंग्रेजी और हिंदी दोनों सीख सकेंगे और साथ ही कई क्षेत्रीय भाषाओं से भी परिचित हो सकेंगे। उनके अनुसार, बहुभाषी होने से क्रिएटिविटी बढ़ती है और साथ ही ये उनके करियर के लिए भी अच्छा होता है।
ग्लोबल पर्सपेक्टिव
फिशर ने कहा कि भारत में रहने से उनके बच्चों को एक अच्छी सोच मिलती है, क्योंकि वे ग्लोबल मुद्दों, स्थानीय चुनौतियों और जीवन के कई तरीकों के बारे में जानेंगे। उनका मानना है कि इससे उन्हें सहानुभूति विकसित करने और दुनिया की गहरी समझ रखने में मदद मिलेगी।
सॉफ्टनेस और फ्रीडम
नए देश में समायोजन कई स्कूल प्रणालियों में काम करना और स्थानीय रीति-रिवाजों को समझना, उनके बच्चों को छोटी उम्र से ही सॉफ्ट बनाएगा और समस्या के समाधान में मदद करेगा।
सादगी
फिशर ने ये भी बताया कि एक्यूट इकनॉमिक डिस्पैरिटी वाले देश में पले-बढ़े होने से उनके बच्चे जो कुछ उनके पास है उसकी सराहना करना, इसके लिए खुद किस्मत मानना और सादगी को समझना सीखेंगे।