Muslim Ban in Holi Islamic Law: महाकुंभ के बाद होली पर मुस्लिमों की एंट्री बैन करने की मांग उठ रही है। पहले बृज के साधु-संतों ने मथुरा और वृंदावन की होली में मुस्लिमों को न घुसने देने की अनुमति मांगी। वहीं अब संभल में भी होली को लेकर हड़कंप मच गया है। बीते दिन संभल के CO अनुज चौधरी ने बयान दिया कि जिन्हें रंगों से परहेज है वो अपने घर पर ही रहें। इस बयान के बाद अनुज चौधरी रातों रात चर्चा में आ गए।
होली पर क्यों मचा विवाद?
दरअसल इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को पड़ रहा है। इस दिन शुक्रवार है, रमजान का पाक महीने चल रहा है और शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन ज्यादातर मुस्लिम नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों का रुख करते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि जुम्मे के कारण होली जल्दी खत्म हो जानी चाहिए। मगर वहीं ज्यादातर लोगों का मानना है कि जुम्मा साल में 52 दिन आता है और होली बस एक दिन मनाई जाती है, इसलिए होली का पर्व पूरे दिन मनाया जाना चाहिए।
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क्या हैं सवाल?
अब सवाल यह है कि मुस्लिमों को होली के त्योहार से इतना परहेज क्यों है? क्या इस्लाम में होली खेलना अपराध है? होली के पर्व को लेकर इस्लाम क्या कहता है? ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन का कहना है कि इस्लाम में होली जायज नहीं है। तो आइए जानते हैं होली पर इस्लाम की क्या राय है?
#WATCH | Sambhal, UP: After the Peace Committee Meeting held ahead of Holi, Sambhal CO Anuj Kumar Chaudhary says, “Holi and ‘Jumma’ (Friday) fall on the same day… We had a meeting with people of all communities… It is a festival of harmony. Hindus and Muslims will celebrate… pic.twitter.com/sTqb52Jwhg
— ANI (@ANI) March 6, 2025
होली पर इस्लाम की राय
बता दें कि इस्लाम के सभी त्योहार शरियत के नियमों के अनुसार मनाए जाते हैं। होली एक गैर-इस्लामिक धार्मिक परंपरा है। वहीं मुस्लिम विद्वानों की मानें तो मुस्लिमों को किसी अन्य धर्म की परंपराओं में शामिल नहीं होना चाहिए। दरअसल इस्लाम एकेश्वरवाद पर आधारित है। इसका अर्थ है कि ईश्वर सिर्फ एक है। ऐसे में होली दूसरे धर्म से जुड़ा हुआ धार्मिक त्योहार है। इसलिए मुस्लिमों को इससे दूर रहना चाहिए।
रंगों से परहेज नहीं
इस्लामिक फिक्ह (शरई कानून) के अनुसार मुस्लिम अगर चाहें तो गैर मुस्लिमों को उनके त्योहार पर मुबारकबाद दे सकते हैं। वहीं रंग लगाने को लेकर भी शरीयत में कोई मनाही नहीं है। हालांकि गैर मुस्लिमों का धार्मिक त्योहार होने के कारण होली के पर्व में भाग लेना इस्लामिक दृष्टिकोण से सही नहीं है।
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