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‘अयोध्या में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय’, योगी सरकार के मंत्रिपरिषद की मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के ग्राम मांझा जमथरा में टाटा ग्रुप के सहयोग से सीएसआर फंड द्वारा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय निर्माण हेतु 52.102 एकड़ नजूल भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. साथ ही आवश्यकतानुसार आगे के निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत भी किया गया है.

Author Edited By : Bhawna Dubey
Updated: Dec 3, 2025 14:59

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जनपद अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण एवं संचालन कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदत्त अनुमोदन के अनुपालन में जनपद अयोध्या स्थित तहसील सदर के ग्राम मांझा जमथरा की नजूल भूमि गाटा-57 मि क्षेत्रफल 25 एकड़ में टाटा ग्रुप के सहयोग से सीएसआर फण्ड के माध्यम से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन हेतु 1 रुपये वार्षिक धनराशि की दर पर भूमि 9 वर्ष के लिये दिये जाने हेतु संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश शासन एवं टाटा संस प्रालि के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू दिनांक 3 सितम्बर, 224 को हस्ताक्षरित किया गया है. तदनुक्रम में ग्राम मांझा जमथरा, परगना हवेली अवध, तहसील सदर, जनपद अयोध्या की राजकीय नजूल भूमि गाटा संख्या गाटा-57 मि व 1 मि क्षेत्रफल 25 एकड़ के अतिरिक्त 27.12 एकड़, कुल 52.12 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उप्र से पर्यटन विभाग के पक्ष में किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है. साथ ही, प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किये जाने का भी निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है.

उल्लेखनीय है कि भारत में घरेलू पर्यटकों एवं विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान है. अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वनसम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं.

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भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या वर्तमान में एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित हो रही है. दिनांक 22 जनवरी 224 को श्रीराम जन्मभूमि प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व गुणात्मक वृद्धि हुई है, अब प्रतिदिन लगभग 2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं. नई पीढ़ी के युवाओं, विदेशी पर्यटकों, भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रुचि रखने वाले पर्यटकों को अयोध्या के प्रति आकर्षित करने हेतु आवश्यक पर्यटक उपादानों का अभी अभाव है.

टाटा सन्स प्रालि द्वारा भारतीय मंदिर स्थापत्य कला तथा भारतीय मंदिरों से सम्बन्धित सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से लोगों को परिचित कराने एवं प्राचीन काल से चली आ रही मंदिरों की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परम्परा व दर्शन के संरक्षण हेतु अपने सीएसआर फण्ड से एक विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण एवं इसका सुचारु रूप से प्रबन्धन/संचालन करने हेतु इच्छा व्यक्त की गयी है. जिसमें यह प्रस्तावित किया गया कि इस कार्य हेतु एक गैर लाभकारी एसपीवी का गठन कम्पनी एक्ट 213 की धारा 8 के अधीन किया जायेगा. इस संस्था में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे. इस संग्रहालय की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा व सरकार को राजस्व में प्राप्ति होगी.

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अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविर

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-222 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविर आदि में प्रतिभाग किये जाने की अवधि एवं आवागमन में लगने वाला समय कर्तव्यार्थ व्यतीत अवधि (ड्यूटी) माने जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है.

इससे सम्बन्धित खिलाड़ियों को अनुमति प्राप्त करने में समस्या होती है. ऐसे खिलाड़ियों के नियोक्ता/प्रशासकीय विभागों को स्वीकृति प्रदान करने में कोई दुविधा न रहे, इसके दृष्टिगत सेवायोजित अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को केन्द्र सरकार की भांति समुचित व्यवस्था कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से किया जाना अत्यन्त आवश्यक है. उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नियमावली-222 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण, शिविर आदि में प्रतिभाग किये जाने की अवधि एवं आवागमन में लगने वाले समय सहित कर्तव्यार्थ व्यतीत अवधि (ड्यूटी) माने जाने के सम्बन्ध में कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से व्यवस्था प्रस्तावित है. इस व्यवस्था के लागू हो जाने पर नियमावली-222 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों को राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण, खेल शिविरों में प्रतिभाग किये जाने की अनुमति प्राप्त करने में सुगमता होगी.

स्पोर्ट्स स्टेडियम, के संचालन एमओयू का आलेख्य स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने डॉ सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा, वाराणसी के संचालन, प्रबन्धन तथा रख-रखाव एवं तत्सम्बन्धी राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र हेतु भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराये गये एमओयू के आलेख्य सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है. राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र के माध्यम से विभिन्न आयु वर्गों और खेल विधाओं में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान होगी और उन्हें राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु तैयार किया जा सकेगा. राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना होने से राष्ट्र के उभरते हुए खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेग

जनपद बागपत में अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र

मंत्रिपरिषद ने जनपद बागपत की तहसील व परगना बागपत के ग्राम हरिया खेड़ा में पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही कुल 7.885 हेक्टेयर भूमि पर गैर लाभकारी संगठन अथवा अन्य संस्थाओं के माध्यम से पीपीपी मोड पर अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र विकसित, संचालित तथा अनुरक्षित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है.

मंत्रिपरिषद द्वारा जनपद बागपत में अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र स्थापित किये जाने के लिए, पूर्व से कार्यरत विभागीय ट्रान्जेक्शन एडवाइजरी फर्म द्वारा तैयार किये गये. आरएफपी निविदा प्रपत्रों के नियम एवं शर्तां तथा ड्राफ्ट कन्सेशन एग्रीमेण्ट का ड्राफ्ट भी अनुमोदित किया गया है. इसके अलावा ग्राम हरिया खेड़ा, जनपद बागपत में ग्राम सभा की 2.61 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है. प्रकरण में भविष्य में आने वाली कठिनाई के निराकरण हेतु निर्णय लिये जाने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है.

मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित निःशुल्क आवंटित/हस्तान्तरित का प्रस्ताव

मंत्रिपरिषद ने कानपुर स्थित 14/112, सिविल लाइन दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45, वर्गमीटर नजूल भूमि को मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर को कतिपय शर्तां एवं प्रतिबन्धों के अधीन, तथा प्रभावी जिलाधिकारी सर्किल दर पर छूट प्रदान करते हुए, निःशुल्क आवंटित/हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा रिट संख्या-13256/221 (रिट-ए) विजय बहादुर व अन्य बनाम उप्र राज्य व अन्य में मा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 5.1.221 के अनुपालन में कानपुर स्थित 14/112, सिविल लाइन दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45, वर्गमीटर नजूल भूमि को पीपीपी के आधार पर मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर के पक्ष में हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया.

प्रदेश के प्रत्येक मण्डल पर ’जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र’ की स्थापना

मंत्रिपरिषद ने प्रथम चरण में प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर ’जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र’ (डीडीआरसी) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किये जाने के प्रस्ताव तथा इस सम्बन्ध में प्रस्तावित कार्ययोजना को अनुमोदित कर दिया है. मंत्रिपरिषद ने सन्दर्भगत प्रस्ताव पर भविष्य में होने वाले आवश्यक परिवर्तन/परिवर्धन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है.

मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 13.1.225 को विभागीय कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण से सहमत होते हुये प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर अर्थात् कुल 18 जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों (डीडीआरसी) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किये जाने के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही नियमानुसार किये जाने के निर्देश दिये गये.

जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना पर प्रति केन्द्र प्रथम वर्ष लगभग 49.96 लाख रुपये तथा द्वितीय वर्ष एवं आगामी वर्ष में लगभग 31.46 लाख रुपये का व्यय होगा. इस प्रकार प्रथम वर्ष में लगभग 9 करोड़ रुपये तथा द्वितीय एवं आगामी वर्ष हेतु लगभग 5.5 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के संचालन में प्रत्येक वर्ष प्रति केन्द्र सम्भावित व्यय बजटीय व्यवस्था के माध्यम से किया जाएगा, जिसे कालान्तर में अन्य स्रोतों से वहन किया जाएगा.

पेयजल पाइपलाइन विस्तार प्रायोजना

मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2. (अमृत-2.) योजना के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर के नगर निगम कानपुर में पेयजल योजना के ईस्ट एवं साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट हेतु पाइपलाइन विस्तार से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 31678.88 लाख रुपये (जीएसटी एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है. अमृत-2. योजना के तहत इस प्रायोजना की अनुमोदित लागत में भारत सरकार के 761.32 लाख रुपये, राज्य सरकार के 18264.77 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 4566.19 लाख रुपये सम्मिलित है. अनुमोदित लागत में 1237.6 लाख रुपये सेन्टेज का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाना है.

नगर निगम बरेली में पेयजल पुनर्गठन योजना

मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2. (अमृत-2.) योजना के अन्तर्गत जनपद बरेली के नगर निगम बरेली में पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-1 से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 26595.46 लाख रुपये (जीएसटी एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है.

उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-217 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की 15 मई, 225 को सम्पन्न बैठक में की गयी संस्तुतियों को अनुमोदित किया है.

मेसर्स बृन्दावन एग्रो इन्डस्ट्रीज (प्रा) लि, जिला मथुरा (पश्चिमांचल क्षेत्र) को 1 अप्रैल, 223 से 3 सितम्बर, 224 की अवधि के लिए सुविधाओं हेतु 17,6,26,256 रुपये की धनराशि नियमों एवं शर्तों के अधीन वितरित किये जाने की संस्तुति की गयी. कुल देय वितरण योग्य धनराशि में से नोडल संस्था को देय प्रशासनिक खर्चों के रूप में 1.5 प्रतिशत घटाकर शेष राशि कम्पनियों को वितरित की जाएगी. प्रश्नगत कम्पनियों को सुविधाओं के वितरण का यह प्रथम प्रस्ताव है. अतः इम्पावर्ड कमेटी की उपरोक्तानुसार संस्तुति पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया.

उप्र अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-212 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक दिनांक 15 मई, 225 में की गयी संस्तुति को अनुमोदित किया है.

प्रश्नगत इकाई के लिए कम्पनी को 1 अप्रैल, 221 से 3 जून, 221 की अवधि हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-212 के अन्तर्गत 1,5,15,711 रुपये का भुगतान पूर्व में मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त किया गया था. कम्पनी ने पुनः अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-212 के अन्तर्गत प्रश्नगत अवधि (1 अप्रैल, 221 से 3 जून, 221) हेतु पुनरीक्षित क्लेम 65,67,235 रुपये (2,15,82,946 रुपये-1,5,15,711रुपये = 65,67,235 रुपये) प्रस्तुत किया.

जनपद चन्दौली में चन्दौली सकलडीहा सैदपुर मार्ग एवं सुदृढ़ीकरण

(लम्बाई 29.672 किमी) कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के सम्बन्ध मेंमंत्रिपरिषद ने जनपद चन्दौली में चन्दौली सकलडीहा सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग-69) के चैनेज-. से चैनेज 29.67 तक 4 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (लम्बाई 29.672 किमी) की सम्पूर्ण परियोजना एवं व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 49147.24 लाख रुपये (चार अरब इक्यानवे करोड़ सैतालिस लाख चौबीस हजार रुपये) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है.

जनपद चन्दौली में चन्दौली-सकलडीहा सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग सं-69) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19/एशिया हाईवे संख्या-1 से प्रारम्भ होकर चन्दौली-सकलडीहा-चहनियां-सैदपुर होते हुए जनपद चन्दौली से जनपद गाजीपुर को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण मार्ग है. यह मार्ग जनपद गाजीपुर/जौनपुर/आजमगढ़/बलिया जाने के लिए वाराणसी शहर के बाईपास के रूप में उपयोग होता है. प्रश्नगत मार्ग का 4 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हो जाने से यातायात सुगम एवं क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा.

First published on: Dec 03, 2025 02:59 PM

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