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UP में किसानों की आय में होगी वृ‌द्धि, नहर व्यवस्था सुधार के लिए 95 नई परियोजनाएं मंजूर, 36000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित

जलाशय पुनरुद्धार व वर्षा जल संचयन (अमृत मिशन) के तहत 75 जनपदों में जलाशयों का पुनरुद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य पूरा किया गया. वहीं अमृत मिशन 2.0 के तहत शहरी क्षेत्रों में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार किया गया.

Author Written By: Akarsh Shukla Author Published By : Akarsh Shukla Updated: Nov 21, 2025 23:50
Yogi Adityanath
Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उत्तर प्रदेश जल संरक्षण क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल बन गया है. ‘योगी का यूपी’ अन्य राज्यों के लिए नजीर बन गया है. योगी सरकार ने जल संरक्षण व संचय में ‘अमृत मिशन’ के तहत स्वच्छता के साथ 75 जिलों में जलाशय पुनरुद्धार एवं वर्षा जल संचयन की योजनाएं तेजी से लागू कीं. 52,000 से अधिक जलाशयों, तालाबों, टंकी प्रणाली का संरक्षण और पुनरुद्धार ग्रामीण जल स्तर में सुधार लाया गया. यही नहीं, उत्तर प्रदेश ने बुंदेलखंड व विंध्य में हर घर जल को भी अमली जामा पहनाया. जल संकट से निपटने के लिए ‘जल संवर्धन जन आंदोलन’ चलाकर सामाजिक जागरूकता भी लाई जा रही है.

जलाशय पुनरुद्धार व वर्षा जल संचयन के तहत 75 जनपदों में जलाशयों का सौंदर्यीकरण कार्य पूरा


जलाशय पुनरुद्धार व वर्षा जल संचयन (अमृत मिशन) के तहत 75 जनपदों में जलाशयों का पुनरुद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य पूरा किया गया. वहीं अमृत मिशन 2.0 के तहत शहरी क्षेत्रों में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार किया गया. 52,000 से अधिक तालाबों व जलाशयों का पुनरुद्धार कार्य किया गया. इससे ग्रामीण जलस्तर में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किया गया. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 22000 से अधिक जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बढ़ी है. नहर व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 95 नई परियोजनाएं स्वीकृत हुईं. इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 36 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी. इससे 9 लाख किसानों व ग्रामीण आबादी को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. साथ ही 273 हेक्टेयर विभागीय राजकीय भूमि को भी संरक्षित किया जा सकेगा. भूजल उपयोग की निगरानी के लिए सेंसर आधारित जलमापन यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है. वहीं यूपी में भूजल पुनर्भरण के प्रयास भी किए जा रहे हैं. इसके अंतर्गत लगभग 42 हजार से अधिक संरचनाओं (रेन वाटर हार्वेस्टिंग, चेक डैम) आदि का निर्माण किया गया. इस व्यापक अभियान ने भूजल पुनर्भरण में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करने में मदद की. योगी सरकार ने सामाजिक जागरूकता (विद्यालय अभियान) के तहत 1.20 लाख से अधिक विद्यालयों व 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में जल संरक्षण अभियान लागू किया गया. इसके जरिए बच्चों व युवाओं के माध्यम से सामुदायिक व्यवहार में बदलाव लाकर जल आंदोलन को सामाजिक बल प्रदान किया गया.

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मीरजापुर ने भी लिखी बदलाव की कहानी, लोहंदी नदी के साथ ही बड़े जलाशयों व तटबंधों का जीर्णोद्धार


हर घर तक जल पहुंचाने की दिशा में डबल इंजन सरकार द्वारा किए गए कार्यों की बदौलत उत्तर प्रदेश ने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं. मीरजापुर में 12 विकासखंड और 809 ग्राम पंचायतें हैं. यहां जलस्तर में गिरावट और सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी. गर्मियों में कई इलाकों में हैंडपम्प और कुएं सूख जाते थे. कम वर्षा के कारण भूजल स्तर गिरने से सिंचाई संकट गहरा जाता था. इससे निजात दिलाने और वर्षा जल संचयन के लिए 24 फरवरी 2024 से विशेष अभियान का शुभारम्भ किया गया. यहां लोहंदी नदी का जीर्णोद्धार कराया गया. 15 किमी. लंबी यह नदी 11 ग्राम पंचायतों से होते हुए गुजरती है. इसके 10.63 किमी क्षेत्र में मनरेगा के तहत कार्य कराए गए, शेष कार्य जनसहभागिता से कराए गए. भूगर्भ जल विभाग द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं जी०आई०सी० में बड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया गया. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देते हुए एक वर्ष में कुल 3894 हेक्टेयर में स्प्रिंकलर सिंचाई जोड़ी गई. पहले सूख चुके हैंडपंपों में अब पानी आ रहा है. जनपद के छह विकास खंडों में भूजल स्तर में औसतन 1 मीटर की बढ़ोतरी हुई है. लोहंदी नदी के किनारे चितपुर, गोपालपुर आदि गाँवों में भूजल स्तर 2.27 मीटर तक बढ़ा, जिससे सूखे कुएँ और बोरवेल पुनर्जीवित हुए. सभी विकास खण्ड में भी जल उपलब्धता में सुधार हुआ. 3894 हेक्टेयर में माइक्रो-इरिगेशन (स्प्रिंकलरड्रिप) लगाकर जल की बचत की गई. 156 कृषि तालाबों और 4 नए चेक डैम से किसानों को सिंचाई सुविधा मिली, जिससे फसल उत्पादन बढ़ा. 4.23 लाख मानव-दिवस रोजगार (52% महिलाओं की भागीदारी) सृजित हुआ. पहले सूखे बोरवेल अब जल से भरपूर हैं, जिससे गाँवों में सालभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हुई.

जालौनः मोदी-योगी सरकार की पहले से दिखी परिवर्तन की तस्वीर


जल संरक्षण के क्षेत्र में पीएम मोदी के आह्वान और योगी सरकार की पहल से परिवर्तन की तस्वीर दिखाई दे रही है. जालौन जिले के कोच तहसील क्षेत्र के ग्राम सतोह से निकलने वाली 83 किमी लंबी नून नदी काफी समय से सूखी और गंदगी की चपेट में थी. स्थानीय लोगों को साथ लेकर नदी को पुनर्जीवित, फिर स्वच्छता का अभियान चलाया गया. वर्षा जल संचयन के लिए चेकडैम बनाए गए. नदी के दोनों ओर पौधरोपण किया गया. जनसहभागिता और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से यह नदी पुनर्जीवित हो गई. इस नदी के पानी का उपयोग अब सिंचाई में भी किया जा रहा है.

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हर घर जल योजना बनी कारगर


डबल इंजन सरकार की हर घर जल योजना भी उत्तर प्रदेश में सबसे कारगर रही. जो बुंदेलखंड व विंध्य कभी पानी के लिए तरसता था, वहां आज हर घर तक नल से जल पहुंच रहा है.
इतने घरों तक पहुंचा नल से जल
बुंदेलखंड
जनपद संख्या प्रतिशत
महोबा –1,39,904 -99.83
झांसी –2,49,111 99.16
ललितपुर–2,05,966 99.51
चित्रकूट –1,63,698 99.83
जालौन– 2,08,170 98.16
बांदा –2,68,583 99.86
हमीरपुर –1,85,674 99.54

विंध्य
मीरजापुर–3,49,332 98.35
सोनभद्र –2,92,905 93.34

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में योजनाओं के सही क्रियान्यवन और सामूहिक प्रयास का ही परिणाम है कि हाल में ही हुए छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश के कई जनपदों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. जल संरक्षण कैटेगरी में उत्तरी क्षेत्र में मीरजापुर, वाराणसी व जालौन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया. गोरखपुर नगर निगम को जल संचय जनभागीदारी श्रेणी में तीसरा पुरस्कार मिला. जल संरक्षण की स्थानीय पहल को राष्ट्रीय मान्यता मिली.

First published on: Nov 21, 2025 11:50 PM

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