भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपनी 10 महीने की सरकार के लिटमस टेस्ट एमसीडी उपचुनाव में फेल हो गईं. एमसीडी वार्ड उपचुनाव सीएम रेखा गुप्ता के अस्तित्व का चुनाव था. वह हर वार्ड में कई बार गई, फिर भी भाजपा की सीटें घट गई. तमाम हेराफेरी-बेइमानी, परिवारवाद के सामने नाक रगड़ने और सारा तंत्र लगाने के बाद भी भाजपा 6 वार्ड ही जीत पाई. भाजपा भले 7 वार्ड जीतने का दावा करे, लेकिन 179 वोट से आशोक विहार वार्ड हार गई थी. चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर परिणाम जारी कर दिया था, लेकिन बाद में बेइमानी करके भाजपा को जीता दिया गया. इन नतीजों के बाद अब सीएम रेखा गुप्ता की कुर्सी पर तलवार लटक गई है. जल्द ही दिल्लीवालों को नया मुख्यमंत्री मिलने की संभावना है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर यह बातें कहीं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के 12 वार्डों में हुआ उपचुनाव भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अस्तित्व का चुनाव था. सीएम रेखा गुप्ता अपनी और भाजपा सरकार की साख बचाने के लिए एक-एक वार्ड में कई-कई बार गईं. मतदान से एक दिन पहले सीएम रेखा गुप्ता ने अशोक विहार वार्ड में फ्री सिलेंडर तक बांट दिए. इसके बावजूद रेखा गुप्ता अपने 10 महीने की सरकार के लिटमस टेस्ट फेल हो गईं. भाजपा ने परिसीमन के दौरान कार्व आउट करके वार्ड बनवाया था और उसमें भाजपा जीती भी थी. इस उपचुनाव में उन वार्डों को भी भाजपा हार गई. 12 वार्डों में हुए उपचुनाव में 9 वार्ड भाजपा के पास थे, लेकिन नतीजों में अब वह 9 से घट कर 6 पर आ गई है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वैसे तो भाजपा दावा करेगी कि उसने 7 वार्डों में जीत दर्ज की है, लेकिन सच तो यह है कि अशोक विहार वार्ड को भाजपा ने बेइमानी करके जीती है. सीएम रेखा गुप्ता अशोक विहार वार्ड में एक महीने में 10 बार गईं, चुनाव से पहले रात में फ्री सिलेंडर बांटी थीं. इसके बाद भी आशोक विहार में भाजपा 179 वोट हार गई थी. चुनाव आयोग वी वेबसाइट पर नतीजों का एलान हो गया. बधाई भी आ गईं, लेकिन बाद में इन्होंने पता नहीं क्या गबड़बड़ी की गई कि हारी हुई भाजपा को आशोक विहार वार्ड में जीता दिया गया. कोई अशोक विहार जाकर जनता से पूछ सकता है कि वहां भाजपा जीत रही थी या फिर आम आदमी पार्टी. इस बेइमानी के बावजूद भाजपा की संख्या कम हो गई.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का मुंडका पैतृक गांव है. वहां भी आम आदमी पार्टी की जीत हुई है. अरविंद केजरीवाल ने मुझे हर विधानसभा में भेजा और मैंने जनता तक उनका संदेश पहुंचाया कि आने वाले चुनावों के अंदर आम आदमी पार्टी सिर्फ अपने कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाएगी. लोगों के मन में संशय था कि कई बार दूसरी पार्टी से मजबूत कंडिडेट आ आता है, विधायक के परिवार से ही कंडिडेट आ जाते हैं और उनको टिकट देने का दबाव बनाया जाता है. यह चुनौती आम आदमी पार्टी के सामने भी आई. आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व विधायकों ने अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए पार्टी पर पूरा दबाव बनाया और टिकट नहीं मिलने पर बगावत की धमकी दी. इन चुनौतियों के बाद भी आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को टिकट देकर चुनाव लड़वाया.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने कई ऐसे भी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया, जिनके पास पैसे की कमी थी. कार्यकर्ताओं की बैठक में इस बात को रखा गया और कार्यकर्ताओं ने आर्थिक सहयोग देने का भरोसा दिया. ‘‘आप’’ के कार्यकर्ताओं ने अपने पैसे से गरीब कार्यकर्ताओं का चुनाव लड़वाया. इसे लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में बहुत जोश और उम्मीद है. ढिचाउ वार्ड में भाजपा ने कहा कि वह एक परिवार में दो टिकट नहीं देगी, लेकिन बाद में भाजपा ने उसी परिवार में टिकट दिया. जहां पर भी भाजपा के पास यह कसौती कसने का समय आया वहां पर वह हार गई. वहीं, आम आदमी पार्टी ने विधायक के परिवार में टिकट नहीं दी और अपने गरीब कार्यकर्ता को चुनाव लड़वाया. मुझे लगता है कि इसी राजनीति से देश, समाज और दिल्ली आगे बढ़ेगा. भाजपा ने समझौता करने, परिवारवाद के सामने नाक रगड़ने के बावजूद अपने लिटमस टेस्ट में फेल हो गईं.
सौरभ भारद्वाज ने संभावना जताते हुए कहा कि दिल्ली को बहुत जल्द नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है. सीएम रेखा गुप्ता को यह मालूम था. तमाम फर्जीवाड़ों, प्रधानमंत्री की छठ की डुबकी स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री पद पर तलवार लटकी हुई है. इसलिए सीएम रेखा गुप्ता जगह-जगह खुद वोट मांग रही थी. भाजपा की सांसद बासुरी स्वराज ने यहां तक कह दिया कि आम आदमी पार्टी या दूसरी पार्टी का पार्षद जीत गया तो अफसर काम नहीं करेंगे. इससे बड़ी बात क्या हो सकती है? अफसर काम क्यों नहीं करेंगे, क्या अफसरों को सैलरी नहीं मिलती है? क्योंकि भाजपा अफसरों को काम नहीं करने देती है. आरडब्ल्यूए को ऐसे भी धमकाया गया, लेकिन फिर भी भाजपा की संख्या कम हुई. दिल्ली की जनता के इस काम से बहुत जल्द उनको नया मुख्यमंत्री मिल सकता है.
इस दौरान विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार के 10 महीने हुए हैं. एमसीडी में भी भाजपा की सरकार है. इसके बावजूद परिणाम भाजपा के खिलाफ आना यह दर्शाता है कि पहले भाजपा 9 वार्डों में जीती थी, अब घटकर 6 पर आ गई है. एक वार्ड तो इन्होंने बेइमानी करके जीता है. अब दिल्ली में भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इस उपचुनाव में दिल्ली की जनता ने अपनी नाराजगी दिखाई है. तमाम संसाधन, हेराफेरी, तंत्र और पुलिस के लोगों को डरा-धमका कर भी भाजपा अपनी सारी सीटें नहीं बचा पाई. अशोक विहार में मतदान रोकने की तमाम कोशिशें की गई. इसके बावजूद दिल्ली की जनता ने अपनी नाराजगी दिखा दी. रेखा गुप्ता अपने लिटमस टेस्ट में फेल हो गई है. हमें उम्मीद है कि दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है.
वहीं, पूर्व विधायक विनय मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को टिकट देने से पार्टी का कैडर और मजबूत हुआ है. इससे कार्यकर्ताओं में जोश दिखा. कार्यकर्ता खुद बाहर निकले और अपने उम्मीदवारों की आर्थिक मदद भी की. ढिचाउ वार्ड में ‘‘आप’’ उम्मीदवार के सामने भाजपा के बहुत बलशाली नेता चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने अपने बल का खूब प्रयोग किया और सीएम रेखा गुप्ता खुद वहां दो बार गईं. पूरा प्रशासन भाजपा के साथ था, हमारे उम्मीदवार को प्रचार करने से रोका, हमारे होर्डिंग्स और पम्लेट्स नहीं लगने दिए, इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया. इससे साफ है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर लोगों का विश्वास लौट रहा है. भाजपा को जरा भी शर्म है तो वह अपना मुख्यमंत्री बदल दे. अगर आज दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो जाए तो आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी.










