ज्यादातर लोगों में वात की समस्या रहती है इस बीमारी के अंतर्गत कई बीमारियां जैसे- अंगों में रूखापन, जकड़न, सुई चुभने जैसा दर्द, जोड़ों में ढीलापन, कमजोरी, कंपन, सुन्नपन, कब्ज, सूखी त्वचा, बाल और नाखून, बेचैनी, घबराहट, चिंता, विचारों का तेज दौड़ने, अनिद्रा और याददाश्त में कमी आती हैं. ये बीमारियां हमारी जीवनशैली का सही ढंग न होना है. योग गुरु बाबा रामदेव ने इन समस्याओं के लिए एक आयुर्वेदिक पंचामृत बताया है जो कि वात से होने वाली सभी समस्याओं को जड़ से खत्म करने का दावा करता है.
किन-किन चीजों से बनता है पंचामृत
पंचामृत बनाने के लिए आपको गिलोय, एलोवेरा, पारिजात, निर्गुण्डी, और शहदना लेना है जो कि बाजार में आसानी से मिल जाते हैं. बाबा रामदेव ने बताया इन सारी चीजों को 20-20 ग्राम की मात्रा में लेकर एक मिक्सी के जार में डालें. इसमें थोड़ा पानी मिलाएं इसको जूस की तरह तैयार करें. इसको छान कर इसका सेवन करें. उन्होंने बताते हुए कहा कि ये औषधि विशेष रूप से वात की समस्याों के लिए बेहद लाभकारी है.
स्वामी रामदेव ने कहा आयुर्वेदिक चीजें उपलब्ध हैं तो मिलावटी चीजें क्यों खाना?
स्वामी रामदेव ने देश के लोगों से कहा कि जब आयुर्वेदिक चीजें उपलब्ध हैं तो मिलावटी चीजें क्यों खाना? उन्होंने चीनी की जगह शहद और गुड़ खाने के लिए कहा, सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करने को कहा. यह सभी पतंजलि के मेगा स्टोर पर उपलब्ध हैं. रिफाइंड को छोड़ तिल का तेल, सरसों, कोकोनेट आयल और गाय का घी तो अमृत है इनको अपने खान-पान के जीवन में उतारने की जरूरत है.
बाबा रामदेव ने बताया कि ये सब चीजें हैं तो फिर सिंथेटिक खान-पान क्यों करना? सिंथेटिक खाने- पीने, विटामिन्स, सिंथेटिक जूते-चप्पल, कपड़े, हेयर केयर ऑयल, डेंटल केयर, स्कीन केयर सभी का दूर कीजिये. विदेशी कंपनियों ने तो देश को लूटा, बर्बाद किया, तबाह किया है. सौ ट्रिलियन से ज्यादा विदेशी आक्रांता लुटेरे लूट कर भारत माता की दौलत ले गये. जो आज पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक है. इसलिए कहता हूं स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ.










