अडाणी ग्रुप ने सर्वजनहिताय सर्वजनसुखाय (सभी के कल्याण और खुशी के लिए) के पवित्र उद्देश्य के लिए सात दिनों का श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया, जिसमें भारी भीड़ देखने को मिली. श्रीमद् भागवत कथा सुनने वालों भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कथामंडप (गुंबद/पंडाल) में बैठने की जगह कम पड़ गई. अडाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीतिबेन अडाणी ने अपने भाषण की शुरुआत खुशी भरे शब्दों से की: “की आयो माने, मजा में.. मानिके मुजा राम राम.” उन्होंने भगवत रस-पान (आध्यात्मिक प्रवचन) में शामिल होने के लिए इतनी बड़ी भीड़ को देखकर बहुत खुशी जताई.
डॉ. प्रीतिबेन अडाणी ने इस बात पर जोर दिया कि सच्चा विकास सिर्फ फैक्ट्रियों या बंदरगाहों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंसानी विकास में है. उन्होंने कहा कि पिछले 25 सालों से कच्छ के लोग हर चुनौती में हमारे साथ खड़े रहे हैं. आज, अडाणी ग्रुप भारत के लिए जो काम कर रहा है, उससे देश को पूरी दुनिया में गर्व मिला है और इसमें आप सभी का सबसे ज्यादा योगदान है.
जबरदस्त उपस्थिति:
8,000 से ज्यादा लोग कथा श्रवण (प्रवचन) सुनने आए. भारी भीड़ पंडाल की क्षमता से ज्यादा थी.
विशिष्ट अतिथि और संत:
बलियावद आश्रम (जूनागढ़) की ऐश्री देवल
विरायतन विद्यापीठ (मांडवी) की शिलापीजी साध्वी महाराजसाहिब
श्री राजलधाम (नानीखाखर, कच्छ) की ऐश्री कमाइ
अन्य सम्मानित संत, साधु और महंत
उपस्थित राजनीतिक और सामाजिक नेता:
मुंद्रा-मांडवी के विधायक श्री अनिरुद्धभाई दवे
कच्छ जिला बीजेपी अध्यक्ष श्री देवजीभाई वरचंद
अंगदान के प्रणेता श्री दिलीपदादा देशमुख
अन्य प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां
सामुदायिक पहल:
कार्यक्रम के साथ आयोजित मेडिकल कैंप से 400 से ज्यादा लोगों को फायदा हुआ.
वीरायतन विद्यापीठ (मांडवी) की शिलापीजी साध्वीजी महाराजसाहिब ने कुछ गृहस्थों की तारीफ की, जो अपनी सेवा में संतों से भी आगे हैं और जहां भी जाते हैं, अच्छे कामों की खुशबू फैलाते हैं. ऐश्री देवल ने दिव्यांगों के लिए अडाणी फाउंडेशन की सेवाओं की तारीफ की, खासकर जीतभाई अडानी की शादी में की गई पहलों पर जोर दिया और अपना आशीर्वाद दिया.
अदाणी परिवार ने मौजूद सभी साधुओं, संतों और गणमान्य व्यक्तियों को विशेष रूप से सम्मानित किया. मुंद्रा तालुका के अलग-अलग गांवों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने डॉ. प्रीतिबेन अडाणी को सम्मानित किया और अडाणी फाउंडेशन की सामाजिक जिम्मेदारी की पहलों के लिए आभार व्यक्त किया.










