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डेटिंग वेबसाइट से शुरुआत, पढ़ें Youtube के 19 साल में फर्श से अर्श पर पहुंचने की रोचक कहानी

Google Video Platform Youtube Anniversary: आज गूगल के वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब की एनिवर्सिरी है, जो शुरुआत में डेटिंग वेबसाइट थी। पढ़ें कैसे एक वेबसाइट आज सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क बन गई?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 14, 2024 16:22
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Youtube Google Video Platform Anniversary
डेटिंग वेबसाइट के रूप में शुरुआत करने वाले यूट्यूब की आज एनिवर्सरी है।

दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

Dating Website Youtube Anniversary Special: आज यूट्यूब के बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। शॉर्ट्स यानी छोटे मनोरंजक वीडियो हो या फिर लंबे-लंबे भाषण, सब कुछ इस ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट पर आसानी से मिल जाते हैं। बच्चों की पसंदीदा कहानियों से लेकर देश-दुनिया की हर छोटी-बड़ी जानकारी तक यहाँ आसानी से उपलब्ध है।

महज 19 वर्ष की यात्रा में आज यह करोड़ों लोगों की कमाई का जरिया बन चुका है। कोरोना काल में तो लोगों ने इसका खूब इस्तेमाल किया। टिकटॉक पर पाबंदी लगने के बाद शुरू किए गए स्माल वीडियो फॉर्मेट शॉर्ट्स ने भी धूम मचा रखा है। पर क्या आप जानते हैं कि साल 2005 में वैलेंटाइंस डे पर लांच किया गया यह प्लेटफॉर्म पहले एक ऑनलाइन डेटिंग सर्विस के तौर पर शुरू किया गया था? नहीं न। आइए हम बताते हैं इसकी कहानी।

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पे-पल के पूर्व कर्मचारियों ने की थी शुरुआत

अमेरिकी के ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम पे-पल यानी अमेरिकन मल्टीनेशनल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी में एक साथ काम कर चुके तीन दोस्त चैड हर्ली, स्टीव चेन, जावेद करीम साल 2004 में सैन फ्रांसिस्को की एक डिनर पार्टी में फिर मिले। बातचीत में तीनों ने तय किया कि एक ऑनलाइन डेटिंग सर्विस शुरू करेंगे। इसके लिए एक ऐसा प्लटेफॉर्म तैयार करेंगे, जिस पर लोग अपने वीडियो अपलोड कर बताएं कि उन्हें कैसा लाइफ पार्टनर चाहिए। तीनों ने तैयारी शुरू कर दी और अगले ही साल यानी 2005 में 14 फरवरी को यूट्यूब डॉट कॉम शुरू कर दिया। इसके लिए एक गैरेज में ऑफिस बनाया था। काफी टाइम बीत गया पर यूट्यूब पर किसी ने कोई वीडियो अपलोड नहीं किया।

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इस तरह से वीडियो प्लेटफॉर्म में बदली साइट

दो महीने इंतजार के बाद तीनों दोस्तों में से एक जावेद करीम ने 23 अप्रैल को खुद ही यूट्यूब पर पहला वीडियो अपलोड किया, जिसे उन्होंने सैन डिएगो जू में शूट किया था। 19 सेकेंड के इस वीडियो में जावेद ने हाथियों के बारे में जानकारी दी और टाइटल रखा मी एट द जू। अगले करीब छह महीने में इस पहले वीडियो को 10 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके थे। अब तो इसके करोड़ों व्यूज और लाइक्स हैं। जावेद ने ट्रायल के लिए यूट्यूब पर बनाए अपने चैनल पर इसके बाद कोई वीडियो अपलोड नहीं किया, लेकिन उनके पहले वीडियो की सफलता को देखते हुए यूट्यूब को ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म से वीडियो प्लेटफॉर्म में बदल दिया गया। आज भी जावेद के इस इकलौते वीडियो वाले चैनल के 4.46 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। 15 मिलियन लोग लाइक कर चुके हैं।

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फिर तो मिलते चले गए निवेशक

यूट्यूब का शुरुआती विकास इतना तेज था कि पे-पल के सीएफओ रोएलोफ बोथा ने भी इसमें पैसे लगा दिए। इसके बाद तो लगातार इस ऑनलाइन वीडियो प्लेटफॉर्म को निवेशक मिलते चले गए। जावेद करीम के वीडियो की सफलता को देखते हुए दूसरे लोगों ने भी इस पर अपने चैनल बनाकर वीडियो अपलोड करने शुरू कर दिए और मई 2005 तक इस पर रोज के यूजर्स की संख्या 30 हजार तक पहुंच गई। अगले 6 महीने में यह आंकड़ा 20 लाख यूजर तक पहुंच गया। साल 2006 में यूट्यूब सबसे तेजी से विकास करने वाली वेबसाइट बन चुकी थी।

एड नहीं चलाना चाहते थे चेड हर्ली

अगस्त 2006 आते-आते कई चैनलों और कंपनियों ने यूट्यूब के वीडियो में एड लगाकर प्रमोशन करना शुरू कर दिया। इससे भी कमाई होने लगी पर यूट्यूब के तब के सीईओ और संस्थापक सदस्यों में से एक चेड हर्ली इसके खिलाफ थे। उनका कहना था कि विज्ञापन यूजर फ्रैंडली नहीं हैं और इससे वीडियो देखने में बाधा आती है। हालांकि, कमाई के लिए वीडियो के बीच एड दिखाने की व्यवस्था अगस्त 2007 से फिर से औपचारिक तौर पर शुरू कर दी गई।

गूगल ने 2016 में खरीद लिया

बाद में गूगल जैसी कंपनी ने भी अपना वीडियो प्लेटफॉर्म लांच किया पर सफलता नहीं मिलने पर अक्टूबर 2016 में यूट्यूब को खरीद लिया। इसके लिए गूगल ने 1.65 अरब डॉलर यानी करीब 12.40 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम चुकाई थी। अब स्थिति ऐसी है कि गूगल के बाद यूट्यूब ही दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा विजिट की जाने वाली वेबसाइट बन चुकी है। इस पर प्रति मिनट 500 घंटे के बराबर कंटेंट अपलोड किए जाते हैं। अब तो यूट्यूब ने लॉस एंजिल्स में एक प्रोडॉक्शन स्पेस भी खोल दिया है जिसका वे लोग फ्री इस्तेमाल कर सकते हैं, जिनके चैनल के कम से कम 10 हजार सब्सक्राइबर हैं।

यही नहीं, यूट्यूब पर कॉपीराइट का खास ख्याल रखा जाता है और इसके उल्लंघन को स्कैन करने के लिए एक प्रोग्राम का इस्तेमाल होता है, जिसे ऑटोमेटेड कंटेन्ट आईडी कहा जाता है। यह प्रोग्राम अपलोड किए गए वीडियो को रोज स्कैन करता है। आज यह प्लेटफॉर्म इतना लोकप्रिय है कि पूरी दुनिया के लोग यहाँ से पैसे कमा रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म खुद में रोज सुधार करता है। अगर किसी को बिना विज्ञापन वीडियोज देखने हैं तो यह प्रीमियम की सुविधा देता है। छोटे बच्चों के लिए अलग सेक्शन पेश कर दिया है।

भारतीय भी हर महीने करोड़ों कमा रहे

गौरव चौधरी, अमित भड़ाना, निशा मधुलिका, अजय नागर आशीष चंचलानी जैसे अनेक भारतीय यूट्यूबर हर महीने करोड़ों रुपया कमा रहे हैं। यह इस प्लेटफॉर्म की खूबसूरती है कि यह खुद के लिए भी रेवेन्यू जेनरेट करता है तो यहाँ कंटेन्ट प्रोड्यूस करने वालों को भी कमाने का मौका देता है। अब लोग गर्व पूर्वक खुद को यूट्यूबर कहना पसंद करने लगे हैं।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Feb 14, 2024 01:32 PM

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