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Axiom 4 Mission को स्पेस स्टेशन जाने में क्यों लगेंगे 28 घंटे? सामने आई ये वजह

एक्सिओम-4 मिशन रवाना हो चुका है और इस मिशन का मकसद क्या है। ये कब पहुंचेगा और आने वाले समय में इससे क्या फायदा होगा। आइए जानें।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Jun 25, 2025 21:14

भारत के शुभांशु शुक्ला समेत 3 अन्य एस्ट्रोनॉट आज 12 बजकर 1 मिनट पर एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना हो गए। यह मिशन कैनेडी स्पेस सेंटर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए निकला था। अब ये यान 28 घंटे का ट्रैवल के बाद 26 जून की शाम ISS पहुंच जाएगा। आखिर इस मिशन से भारत को क्या फायदा हो सकता है।

एक्सिओम मिशन 4 क्या है ?

यह Mission एक प्राइवेट मल्टीनेशनल स्पेस फ्लाइट है, जिसे एलन मस्क की कंपनी ने आयोजित किया है। इस मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला का चुनाव किया गया। इसमें वो करीब 2 हफ्ते बिताएंगे। बता दें, शुभांशु ISS पर जाने वाले फर्स्ट और स्पेस में जाने वाले सेकेंड भारतीय हैं। इससे पहले राकेश शर्मा ने साल 1984 में ट्रैवल की थी।

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Axiom 4 से भारत को क्या-क्या फायदा मिलेगा?

करीब 41 साल बाद किसी भारतीय की स्पेस में वापसी हुई है। इस यात्रा से काफी कुछ सीखने के साथ-साथ मिलने वाला एक्सपीरियंस आने वाले भविष्य के मददगार होगा। इसमें बायोलॉजिकल स्टडी है, जिसमें ह्यूमन हेल्थ के साथ ही जीवों पर असर देखने को मिल सकता है। ये मिशन नासा और अन्य इंटरनेशनल एजेंसियों के साथ मिलकर भारत को और मजबूत करेगा। इस मिशन से देश को तेजी से बढ़ते ग्लोबल स्पेस मार्केट में एंट्री करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इंडियन साइंटिस्ट्स और इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को प्रेरणा भी मिलेगी। कुल मिलाकर ये मिशन साइंटिफिक, टेक्निकल और स्ट्रैटेजिकल फायदा देगा।

28 घंटे की ट्रैवल करने की वजह

ISS धरती से 28000 KM प्रति ऑवर की स्पीड से घूमती है। इसे स्पेसक्राफ्ट के पास जाकर मिलना है। यह स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इस ट्रैवल में 28 घंटे लेता है।

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First published on: Jun 25, 2025 12:30 PM

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