जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लश्कर के इंडियन फ्रंट टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। अब टीआरएफ ने बयान जारी कर कहा कि पहलगाम की घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि टीआरएफ अपने बयान से क्यों पलट गया?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान चौतरफा दबाव का सामना कर रहा है। उसे किसी भी देश का समर्थन नहीं है। वहीं दूसरी ओर पूरा विश्व समुदाय भारत के साथ खड़ा है। हमले के बाद भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दे दिया। इतना ही नहीं भारत ने 65 साल पुराना सिंधु जल संधि समझौता भी स्थगित कर दिया। इसके बाद से ही पाकिस्तान भड़का हुआ है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ लगातार भारत को गीदड़ भभकी दे रहे हैं।
यह है पूरा मामला
पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के पासिंग आउट परेड पर पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा कि वह चाहता है कि पहलगाम हमले की जांच किसी न्यूट्रल एजेंसी करे, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। भारत के द्वारा उठाए गए सख्त कदमों के बाद पाकिस्तान ने अपना पैंतरा बदल दिया है। पाकिस्तान ने लश्कर को निर्देश दिया कि वह पहलगाम हमले को लेकर बयान जारी करे और हमले की जिम्मेदारी लेने वाले बयान से पलट जाए। टीआरएफ के बयान की टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि टीआरएफ ने यह बयान कल यानी शुक्रवार को दिया था। जबकि पाकिस्तान के पीएम स्वतंत्र जांच की मांग आज की है। ऐसे में इसकी पूरी पटकथा पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने लिखी है, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता।
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कुछ इस तरह बदला फैसला
अब आप क्रोनोलॉजी समझिए। पहले हमला होता है, फिर टीआरएफ हमले की जिम्मेदारी लेता है। इसके बाद भारत कड़े और दमदार फैसले लेता है। पूरी दुनिया का सपोर्ट भारत को मिलता है। जब पाकिस्तान अकेला पड़ने लगता है तो वह बयान देना शुरू करता है कि उसका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद भारत सख्त फैसले लेता है तो पाकिस्तान दुनिया को दिखाने के लिए वह स्वयं आतंकवाद से पीड़ित है, ऐसा बयान देता है। इसके लिए वह पहले टीआरएफ द्वारा दिलवाया गया बयान वापस लेता है। ताकि मुल्क में बैठे अपने आतंकी आकाओं को खुश कर सके। अब पाकिस्तान ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग है।
दुनिया के सामने हो चुका एक्सपोज
बता दें कि पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के अधिकारियों को बुलाकर दिखाया था कि किस तरह पाकिस्तान से आए दहशतगर्दों ने हमले को अंजाम दिया था लेकिन वहीं ढाक के तीन पात वाली स्थिति थी। इसके बाद 2019 में पुलवामा हमला हुआ और अब पहलगाम। पाकिस्तान पूरी तरह दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है कि वह किस तरह जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर के जरिए मासूम लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
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