(अमर देव पासवान): पश्चिम बंगाल में आसनसोल के दुर्गापुर इलाके के रहने वाले एक फूल विक्रेता इन दिनों चर्चा में है। छोटन घोष नाम के इस फूल विक्रेता की चर्चा इन दिनों पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि झारखंड और बिहार सहित उत्तर प्रदेश व दिल्ली में भी हो रही है। चर्चे मे इस लिए हैं कि छोटन ने कबाड़ से जुगाड़ लगाकर एक ऐसा उड़न खटोला (बाइक ड्रोन) बना डाला है, जो 10 फुट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। दरअसल, 15 से 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाले इस बाईक ड्रोन को बनाने में महज 15 से 20 दिन का समय लगा है। इसको बनाने के बाद बनाने के बाद अपने बाइक ड्रोन का ट्रायल भी किया गया है।
क्या है बाईक ड्रोन?
छोटन घोष ने जो बाइक ड्रोन बनाया है, वह 15 से 20 किलोमीटर तक की दूरी भी तय कर सकता है। छोटन की मानें, तो छोटन को अपने इस उड़न खटोले को बनाने में महज 20 से 25 दिन का समय लगा है। जिसे बनाने में साढ़े तीन हजार आरपीएम का मोटर, साढ़े चार सौ वाट का कंट्रोलर, 24 वोल्ट की एक बैटरी, स्लेटर, चाबी समेत एक मोटरसाइकिल का हैंडल भी इस्तेमाल किया गया है। छोटन ने बताया कि जब वह अपना यह उड़न खटोला बना रहा था, तब वह कई बार असफल हुआ, लेकिन उसने हार नहीं मानी। कई बार के प्रयास के बाद छोटन आखिरकार सफल हुआ।
ये भी पढ़ें: हाफिज सईद, लश्कर, ISI से क्या संबंध है? तहव्वुर राणा से ऐसे 30 सवाल पूछेगी NIA
प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, बस उनको पहचानने के लिए कोई होना चाहिए। ऐसा ही एक प्रतिभा पश्चिम बंगाल आसनसोल के एक फूल बेचने वाले की सामने आई है। दरअसल, फूल विक्रेता छोटन घोष ने एक बाईक ड्रोन तैयार किया है। pic.twitter.com/mG21bX0FWb
---विज्ञापन---— Shabnaz Khanam (@ShabnazKhanam) April 11, 2025
किया सफल ट्रायल
छोटन ने अपना उड़न खटोला बनाने के बाद उसका ट्रायल भी किया, जिसमें उसे सफलता मिली। छोटन का कहना है कि उसने सड़कों पर दिन प्रतिदिन बढ़ते जाम की समस्या को देखा, को जिससे उसके मन में आया कि वह क्यों नहीं इस जाम से छुटकारा पाने के लिए कुछ ऐसा अविष्कार करे, जिससे लोगों का कीमती समय बच सके। इसी के बाद छोटन ने फूल बेचकर जमा पूंजी से अपने सपने को हकीकत बनाया, जिसका नाम उन्होंने बाइक ड्रोन रखा है। उसके बाइक ड्रोन नामक उड़न खटोले में केवल एक व्यक्ति ही सफर कर सकता है, ऐसे में एक से ज्यादा व्यक्ति सफर कर सकें इसके लिए वह ड्रोन टैक्सी बनाने के काम में लग गया है।
छोटन का कहना है कि ड्रोन टैक्सी बनाने में उसे समय तो लगेगा ही, लेकिन उसके साथ ज्यादा पैसों की भी जरूरत होगी। हालांकि, अभी छोटन के पास उतने पैसे नहीं हैं कि वह इस काम को पूरा कर पाएं। इसके लिए भी उसने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। छोटन के इस आविष्कार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग दुर्गापुर पहुंच रहे हैं।
ये भी पढ़ें: एक गलती वीजा-ग्रीन कार्ड करवा सकती है खारिज, अमेरिका में भारतीयों के लिए अलर्ट