September Weather in India: अगस्त में देश के कई हिस्सों को मॉनसून ने प्रभावित किया, लेकिन इसके बावजूद यह इतिहास का सबसे सूखा महीना रहा। जानकारी के मुताबिक, यह पिछले 122 सालों में सबसे सूखा अगस्त का महीना रहा। इस दौरान सामान्य से 36 प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार, इस महीने में महज 161.7 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पहले 1901 में ऐसा हुआ था जब अगस्त के महीने में सामान्य से कम बारिश रही थी। इससे पहले देश में इस सदी की बात की जाए तो 2005 में इस महीने सामान्य से 25 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी। जबकि साल 1965 में 24.6 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
20 दिनों तक एक्टिव नहीं रहा मॉनसून
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त के महीने में 20 दिनों तक मॉनसून एक्टिव नहीं रहा। यह मॉनसून का 1901 के बाद से अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल का अगस्त अब तक का सबसे शुष्क अगस्त रहा। इतिहास में अब तक अगस्त में सबसे कम बारिश 190 मिलीमीटर हुई है। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 160 मिलीमीटर के आसपास ही रहा।
सामान्य तौर पर देखा जाए तो अगस्त के महीने में औसतन 255 मिलीमीटर बारिश होती है। यह सालभर में होने वाली बारिश का लगभग 22 प्रतिशत है। इसकी सबसे बड़ी वजह अल-नीनो का असर है। अल नीनो भारत में मानसूनी हवाओं को कमजोर करने और शुष्क मौसम से जुड़ा है। सबसे अधिक बारिश वाले महीने जुलाई में 24 प्रतिशत से कुछ अधिक बारिश होती है। अगस्त में देश में कभी भी 190 मिमी से कम वर्षा नहीं हुई है।
क्या है अल-नीनो
आसान भाषा में कहें तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आने वाले बदलाव की समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है। यह दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित ईक्वाडोर, चिली और पेरू देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है। इसकी वजह से तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है।
कैसा रहेगा सितंबर का मौसम?
फिलहान मॉनसून कमजोर चरण में है। अगस्त की तरह ही सितंबर में मौसम शुष्क रह सकता है। सितंबर में कुछ दिनों को छोड़ दें तो तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। लोगों को इस महीने में गर्मी सता सकती है। सितंबर में 91-109 प्रतिशत के बीच सामान्य 167.9 मिमी की वर्षा होने की संभावना है। हालांकि जून-सितंबर में मौसमी बारिश का औसत सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। अगस्त में कम वर्षा के पीछे अल नीनो असर सबसे महत्वपूर्ण कारक था।