Shrinagar Jamia Masjid Outside Pro freedom Pro terrorist slogans raised: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक शुक्रवार को चार साल के बाद नजरबंदी से रिहा हुए। रिहाई के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ी। मीरवाइज की रिहाई से अलगाववादी सुर फिर से फिजाओं में गूंजने लगे हैं। इसकी बानगी मस्जिद के बाहर देखने को मिली। सैकड़ों की संख्या में जुटे युवाओं ने आजादी-आजादी और आतंकवादियों के समर्थन में नारे लगाए।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार लगे नारे
अज्ञात युवकों का समूह जामिया मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुआ और कुछ मिनटों तक आपत्तिजनक नारे लगाए। ये आपत्तिजनक नारे लंबे समय बाद घाटी में गूंजे। आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज 24 को बताया कि धारा 370 हटने के बाद यह पहली बार है कि जामिया मस्जिद श्रीनगर के लॉन में इस तरह के नारे लगाए गए।
देखिए VIDEO…
श्रीनगर में जामिया मस्जिद के बाहर लगे आजादी-आजादी के नारे#srinagar #AzadiAzadiSogan #JamiaMasjid #MirwaizUmarFarooq pic.twitter.com/U16uYWXGbD
— Khursheed Baig (@khursheed_09) September 22, 2023
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पुलिस फुटेज को खंगाल रही
सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया शाखा आपत्तिजनक नारों के फुटेज का विश्लेषण कर रही है और इस कृत्य में शामिल युवाओं पर कुछ कार्रवाई या काउंसलिंग कर सकती है।
इस बीच कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जामिया मस्जिद श्रीनगर में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, जहां मीरवाइज उमर फारूक ने लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार का उपदेश दिया।
मस्जिद में उपदेश देते वक्त रोने लगे मीरवाइज
गौरतलब है कि चार साल के लंबे अंतराल के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और कश्मीर के प्रमुख पुजारी मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया। मीरवाइज को श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सामूहिक शुक्रवार की नमाज में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। जब मीरवाइज मस्जिद तक पहुंचे तो यह लोगों के साथ-साथ खुद मीरवाइज के लिए भी काफी भावुक क्षण था। मस्जिद में लोगों के सामने खड़े होकर वह फूट-फूटकर रोने लगे।
4 अगस्त 2019 को किया गया था नजरबंद
मीरवाइज उमर फारूक को 04 अगस्त 2019 को नजरबंद किया गया था। जब भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर दिया था, इसके अलावा राज्य को विभाजित कर दिया गया था और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया था। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को उन्हें रिहा करने का फैसला लिया।
श्रीनगर से आसिफ सुहाफ की रिपोर्ट।
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