Jagdeep Dhankhar resignation: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने देर रात स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। 74 साल के धनखड़ 2022 से पद संभाल रहे थे। उनका अभी दो साल का कार्यकाल बाकी था। ऐसे में संसद के मानसून सत्र से पहले उनका इस्तीफा देना हर किसी के लिए हैरानी भरा है। इससे पहले पूरे दिन वह राज्यसभा में मौजूद थे। जहां पर उन्होंने कहा कि वे मुद्दों को लेकर तमाम पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद उन्होंने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग बुलाई थी जिसमें सत्ता के पक्ष के सांसद गायब रहे थे। इसके बाद देर शाम उपराष्ट्रपति ने इस्तीफे का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था। इससे पहले आज मानसूत्र सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन जेडीयू सांसद हरिवंश ने किया था। सूत्रों की मानें तो उनके इस्तीफे वापस लेने को लेकर काफी मान-मनौव्वल की गई थी लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने विदाई समारोह में शामिल होने से भी इनकार कर दिया है।
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इस्तीफे की एक वजह ये भी!
उनके इस्तीफे को लेकर सियासी अफवाहों का बाजार गर्म है। जानकारी के अनुसार कल 12ः30 बजे धनखड़ की ओर से बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की ओर से बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू आए थे। इसके बाद दोबारा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग शाम 4ः30 बजे बुलाई गई थी। इस मीटिंग से नड्डा और रिजिजू दोनों गायब रहे। इसके बाद धनखड़ ने विपक्ष के नेताओं के साथ मीटिंग की। फिर देर शाम तक उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
पीएम मोदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर एक्स पर पोस्ट किया। जिसमें उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति समेत कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का मौका मिला। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
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