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‘वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में मुंह छिपाता हूं, दुनिया में सबसे खराब रिकॉर्ड हमारा…’, बढ़ रहे हादसों पर क्या बोले नितिन गडकरी?

Union Road Transport Minister Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर चिंता जाहिर की है। गडकरी ने कहा कि भारत में हादसे कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। एक चौंकाने वाला खुलासा भी उन्होंने किया है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 12, 2024 17:13
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Nitin Gadkari
संसद में अपनी बात रखते नितिन गडकरी। Photo-PTI

Road Accidents in India: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में सड़क हादसों को लेकर चिंता जाहिर की। गडकरी ने कहा कि वे जब किसी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में भाग लेने जाते हैं और वहां जब सड़क हादसों को लेकर कोई बात होती है तो अपना मुंह छिपाने की कोशिश करते हैं। गडकरी संसद में प्रश्नकाल के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया में हमारा सबसे खराब रिकॉर्ड है। बहुत से देश अपने यहां हादसों को कम कर चुके हैं। स्वीडन की बात करें तो रोड एक्सीडेंट के मामले में वह जीरो पर आ गया है। लेकिन हमारे यहां कम होने के बजाय हादसे बढ़ रहे हैं।

कानून का पालन करना होगा

गडकरी ने कहा कि वे मामले में ट्रांसपेरेंट हैं। जब उन्होंने मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी, तब सोचा था कि हादसों में होने वाली मौतों में 2024 तक 50 फीसदी तक कमी ले आएंगे। लेकिन कम होने के बजाय हादसे बढ़ गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि खराब हुई है। हमारे देश में इंसानों के व्यवहार में बदलाव आने से ही हालात बदलेंगे। लोग जब तक कानून का पालन और सम्मान नहीं करेंगे तब तक कुछ ठीक नहीं होगा। कुछ साल पहले वे भी अपने परिवार के साथ कहीं जाते समय हादसे का शिकार हो गए थे। उनको लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ा था। लेकिन ईश्वर की कृपा रही और वे बच गए। हादसों का उन्हें व्यक्तिगत अनुभव है।

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नितिन गडकरी ने कहा कि ट्रकों को गलत तरीके से पार्क करने पर हादसे बढ़ रहे हैं। कई जगह ट्रेक लेन में अनुशासन की कमी दिखती है। भारत में बसों की बॉडी के निर्माण में मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता। इस बाबत आदेश जारी किए गए हैं। बस की खिड़की के पास हथौड़ा जरूरी है, ताकि हादसे के समय शीशा तोड़ा जा सके। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार हर साल भारत में हादसों की वजह से 1.78 लाख लोग मरते हैं। इनमें 60 फीसदी मृतक 18-34 साल के होते हैं।

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यूपी में हर साल 23 हजार मौतें

यूपी में ही एक साल में लगभग 23 हजार (कुल मौतों का 13.7 फीसदी) और तमिलनाडु में 18 हजार लोग (कुल मौतों का 10.6 फीसदी) मारे गए हैं। महाराष्ट्र में 15 हजार लोग मारे गए हैं, जो कुल मौतों का 9 फीसदी है। मध्य प्रदेश में 13000 (8 फीसदी) से अधिक मौतें होती हैं। दिल्ली में हर साल लगभग 1400 और बेंगलुरु में हर साल 915 मौतें सड़क हादसों में होती हैं। जब तक मानकों का पालन नहीं करेंगे, हादसों पर लगाम नहीं लगेगी।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 12, 2024 05:13 PM

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