---विज्ञापन---

एक ‘खोपड़ी’ से इस राज्य में मचा बवाल, विदेश मंत्रालय तक पहुंची बात, 7500 किलोमीटर दूर हुआ एक्शन

Naga Human Skull: नगा मानव खोपड़ी पर विरोध बढ़ने के बाद ब्रिटेन के एक ऑक्शन हाउस ने इसे नीलामी से हटा दिया है। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद ये एक्शन हुआ है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Oct 10, 2024 01:25
Share :
naga human skull
naga human skull

Naga Human Skull: एक नगा मानव खोपड़ी की वजह से भारत के एक राज्य में जमकर हंगामा हुआ। बात विदेश मंत्रालय तक पहुंची और 7500 किलोमीटर दूर ब्रिटेन में इसका एक्शन हुआ। हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन के एक ऑक्शन हाउस में प्रजेंट की गई ‘नगा मानव खोपड़ी’ की। जिस पर नागालैंड में काफी बवाल हुआ। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विवाद बढ़ने के बाद लाइव ऑनलाइन बिक्री की लिस्टिंग से ‘नागा मानव खोपड़ी’ को हटा दिया गया है।

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, ब्रिटेन के एक ऑक्शन हाउस ने ‘नगा मानव खोपड़ी’ को ऑनलाइन नीलामी के लिए रखा था। जानकारी के अनुसार, ऑक्सफोर्डशायर के टेट्सवर्थ स्थित स्वान नीलामी घर ने ‘द क्यूरियस कलेक्टर सेल, एंटीक्यूरियन बुक्स, मैनुस्क्रिप्ट्स एंड पेंटिंग्स’ के तहत दुनियाभर से विभिन्न प्रकार की खोपड़ियों और अन्य कलाकृतियां को अपने कलेक्शन में शामिल किया था। हालांकि, जब इसका विरोध बढ़ा तो इन्हें बिक्री से हटा लिया गया।

---विज्ञापन---

नागालैंड के सीएम ने किया विरोध 

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इन नागा खोपड़ियों को वापस करने की मांग की है। नगा खोपड़ी पर जानवरों के सींग लगे हुए हैं। इसकी शुरुआती बोली ब्रिटिश पाउंड में लगभग 2,100 यानी करीब 23 लाख रुपये रखी गई थी। नीलामीकर्ताओं को उम्मीद थी कि इसकी कीमत 43 लाख रुपये तक जा सकती है।

क्यों हो रहा विरोध? 

बताया जा रहा है कि ये खोपड़ियां 19वीं सदी की हैं। सीएम रियो के अनुसार, यह हमारे लोगों के लिए एक भावनात्मक और पवित्र मुद्दा है। हमारे लोगों की पारंपरिक प्रथा रही है कि वे मृतकों के अवशेषों को सर्वोच्च सम्मान और आदर देते हैं। कहा जाता है कि ब्रिटिश शासन के दौरान नागा लोगों को ‘बर्बर’ और ‘शिकारी’ जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया जाता था। ये मानव अवशेष उसी हिंसा का प्रतीक हैं। जो ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता ने नागाओं पर ढाया था।”

ये भी पढ़ें: जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का निधन, मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस

इस नीलामी के विरोध में नागालैंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने किया था। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने और बिक्री को रोकने का अनुरोध किया था। आखिरकार इस पर एक्शन हुआ और नीलामी को रोक दिया गया।

ये भी पढ़ें: नहीं मिले 50 लाख रुपये, जब अधूरा रह गया रतन टाटा का ये सपना

HISTORY

Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Oct 10, 2024 01:23 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें