Himanshu Mohan Chowdhury Passes Away: त्रिपुरा के पहले पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हिमांशु मोहन चौधरी का 84 वर्ष की आयु में मंगलवार को निधन हो गया। हिमांशु मोहन चौधरी सेवानिवृत्त सिविल सेवा अधिकारी थे। वे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान सोनमुरा में उप मंडल अधिकारी (एसडीओ) के रूप में तैनात थे, तब चौधरी ने 2.5 लाख से अधिक बांग्लादेशियों की मदद की, जो संघर्ष और उत्पीड़न से भागकर घर वापस त्रिपुरा आए थे।
हिमांशु मोहन चौधरी शरणार्थियों के लिए भोजन और आश्रय सुनिश्चित करने के लिए तंबू और अस्थायी रसोई घर स्थापित किए थे। उन्हें 1972 में केंद्र सरकार की ओर से देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया था। वहीं, तत्कालीन बांग्लादेश सरकार ने भी उन्हें उनके "समर्पण और सहजता" के लिए सम्मानित किया।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि त्रिपुरा के पहले पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हिमांशु मोहन चौधरी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। उनकी दिवंगत आत्मा को शाश्वत शांति मिले। ओम शांति! उनके परिवार में दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी की चार साल पहले मौत हो गई थी।